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पनडुब्बियों में आगे निकल जाएगा पाकिस्तान! … पिछड़ जाएगा हिंदुस्थान

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
चीन के सहयोग से पाकिस्तान अपने रक्षा क्षेत्र को तेजी से मजबूत करने में लगा हुआ है। अब वह अपने पनडुब्बी प्रोजेक्ट को बढ़ा रहा है। जानकारों का मानना है कि वह जल्द ही हिंदुस्थान से पनडुब्बियों के मामले में आगे निकल जाएगा।
बता दें कि भारतीय नौसेना पिछले २७ साल के ‘पी-७५ आई’ प्रोजेक्ट के जरिए पनडुब्बियों की तलाश कर रही है। इस दौरान कितनी ही सरकारें आर्इं और गर्इं। रक्षा बजट में भी इजाफा किया गया, लेकिन नौसेना की यह खोज पूरी न हो सकी। इस बीच पाकिस्तान अपने पनडुब्बी कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। पाकिस्तानी नौसेना के लिए पनडुब्बियों की फ्लीट खड़ी करने में चीन बखूबी साथ दे रहा है। चार दिन पहले ही चीन ने पाकिस्तान की नौसेना के लिए आठ युआन श्रेणी की पनडुब्बियों (टाइप -३९ ए) में से पहली को शुआंगलिउ में वुचांग शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री ग्रुप शिपयार्ड में लॉन्च किया। इसे पाकिस्तान में हंगोर क्लास के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान अवाक्स विमानों और माइन स्वीपर शिप के मामले में पहले ही हिंदुस्थान से आगे है।
२०१५ में हस्ताक्षरित अनुबंध के तहत चीन, पाकिस्तान को आठ उन्नत पनडुब्बियों की आपूर्ति करेगा, जिनमें से चार चीन में डब्ल्यूएसआईजी पैâसिलिटी में और बाकी कराची में पाकिस्तानी शिपयार्ड कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स में बनाई जाएंगी। कराची में बनने वाले इन चारों में चीन से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शामिल होगा। पहली चार पनडुब्बियां २०२३ तक वितरित की जानी थीं, और अंतिम चार (केएसईडब्ल्यू से) २०२८ तक आनी थीं, लेकिन यह परियोजना समय से काफी पीछे चल रही है।

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