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पाकिस्तानी आतंकियों को मिली हमास की ट्रेनिंग! …एक साल में हमास लीडरों ने किए कई आतंकी कैंपों के दौरे

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर एक चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है। पता चला है कि पाकिस्तानी आतंकियों को कुख्यात आतंकी संगठन ‘हमास’ ने ट्रेनिंग दी है। पिछले एक साल में हमास के कई टॉप आतंकी पाकिस्तान आ चुके हैं। वहां उन्होंने पाकिस्तानी सेना के वैंâपों के अलावा आतंकी शिविरों का भी दौरा किया था। जब ईरान में हमास के चीफ इस्माइल हानिया की हत्या हुई थी तो पाकिस्तान में शोक भी रखा गया था।

दोनों हमलों में काफी समानताएं
खुफिया सूत्रों के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले और ७ अक्टूबर को इजरायल में हमास के हमले में काफी समानताएं हैं। इजरायल में भी नाम और धर्म पूछकर हत्या की गई थी, पहलगाम में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखा गया था। इससे साफ है कि पहलगाम हमले में कहीं न कहीं किसी रूप में हमास संलिप्त है।

 

हमास आतंकी ने दिया था पाकिस्तानी संसद में भाषण

गाजा के कुख्यात आतंकी संगठन ‘हमास’ के कुछ बड़े आतंकी पिछले एक साल में कई बार पाकिस्तान आए हैं। एक आतंकी ने तो पाकिस्तानी संसद को भी संबोधित किया था। हमास के आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और पाकिस्तानी सेना की एक पैâसिलिटी का भी दौरा किया है। इन मुलाकातों से पता चलता है कि हमास और पाकिस्तान के बीच संबंध गहरे हो रहे हैं। साथ ही यह भी पता चलता है कि हिंदुस्थान के खिलाफ साजिश रची जा रही है।
पाकिस्तानी सेना की पैâसिलिटी, एक कॉम्बैट सिमुलेशन सेंटर है, जिसका उद्घाटन पिछले महीने आर्मी चीफ असीम मुनीर ने किया था। बहावलपुर में पाकिस्तानी सेना का एक बड़ा वैंâप भी है। इसे बहावलपुर कोर कहते हैं। इसका काम सीमा की रक्षा करना है। फरवरी में, लश्कर-ए-तैयब ा और जैश-ए-मोहम्मद के बड़े आतंकी रावलकोट (पीओके)में मिले। यह मीटिंग ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ को लेकर हुई थी। इसमें हमास के बड़े आतंकियों ने भाषण दिया था। सूत्रों ने बताया कि यह मीटिंग अल अक्सा फ्लड्स के बैनर तले आयोजित की गई थी। अल अक्सा मस्जिद यरुशलम में है। इस पर यहूदियों और मुसलमानों दोनों का दावा है। यह लंबे समय से विवाद का कारण रही है। हमास के प्रवक्ता खालिद कद्दौमी ने इस मीटिंग में भाषण दिया था। एजेंसियों का मानना है कि यह मीटिंग जम्मू-कश्मीर में चल रहे जिहादी अभियान को फिलिस्तीन के इजरायल के खिलाफ संघर्ष से जोड़ने की कोशिश थी। वे दोनों को ‘कब्जे के खिलाफ प्रतिरोध’ के रूप में दिखा रहे थे। पिछले एक साल में पाकिस्तान में हमास की मौजूदगी बढ़ी है। खासकर २०२३ में इजरायल पर ७ अक्टूबर के हमले के बाद से। पिछले साल जनवरी में, कद्दौमी को पाकिस्तान की संसद में भाषण देने के लिए बुलाया गया था।

गाजा के मलबे में दफन
एक पाकिस्तानी सांसद ने हमास कमांडर खालिद कद्दौमी का स्वागत करते हुए कहा था कि हिंदुस्थान और इजरायल एक आर्थिक कॉरिडोर बना रहे हैं। इसे इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोपियन कॉरिडोर कहा जा रहा है। इसका मकसद चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का मुकाबला करना है। उस सांसद ने कहा था कि योजना अब गाजा के मलबे में दफन हो गई है।
 इजरायल के खिलाफ मदद
हमास के नेताओं ने पाकिस्तान का दौरा तब किया, जब हमास का तत्कालीन चीफ इस्माइल हनिया इजरायल के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान से मदद मांग रहा था। ३१ जुलाई, २०२४ को तेहरान में हनिया की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया था।

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