-अधिकारियों ने काली करतूतों को छिपाने का किया प्रयास
-६५ करोड़ रुपए की लागत से हुआ है निर्माण
-उद्घाटन से पहले ही आ गई दरारें
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
सरकारी धन के दुरुपयोग का अनूठा वाकया पालघर जिले के वानगांव में देखने को मिल रहा है, जहां पूर्व और पश्चिम को जोड़ने के लिए करीब ६५ करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए ब्रिज पर उद्घाटन से पहले ही आ गई दरारों के बाद हाहाकार मचा हुआ है। चौतरफा हो रही थू-थू से बचने के लिए अब भ्रष्टाचार में डूबे पालघर के सार्वजनिक निर्माण विभाग अधिकारियों ने गजब की तरकीब निकाली है। ब्रिज के ऊपर पड़ी दरारों पर थूक पालिश कर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी के भ्रष्टाचार की दरारों को भरा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार की दरार भरने का प्रयास लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
ब्रिज की सड़क के ऊपर एक पतली-सी परत चढ़ाई जा रही है, जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि ब्रिज पर पड़ी दरार को लेकर हंगामा मचने के बाद ठेकेदार और अधिकारियों ने लीपापोती शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कंस्ट्रक्शन कंपनी पर लापरवाही और धांधली के आरोप लगाए हैं।
-शुरुआत से ही गड़बड़ियां
लोगों ने आरोप लगाया है कि इस तरह की लीपापोती पहली बार नहीं की जा रही है, बल्कि जब से ब्रिज बनने की शुरुआत हुई है, तभी से इस तरह की गड़बड़ियां उजागर हो रही हैं।
बता दें कि वानगांव रेलवे क्रॉसिंग पर पूर्व को पश्चिम से जोड़ने के लिए ब्रिज का निर्माण टीएनटी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया है, लेकिन उद्घाटन से ठीक पहले ब्रिज में भारी-भरकम दरारें सामने आ गर्इं। ब्रिज के निर्माण में गुणवत्ता की पोल खुल गई। अब इसमें ठेकेदार के लोगों द्वारा लीपापोती का खेल शुरू कर दिया है। ब्रिज के ऊपर जिस रोड में दरारें आई हैं वहां सीमेंट से भरकर परत बिछा दी गई, जिससे अधिकारियों की कारगुजारी काले रंग की तरह छिपी रहे।