सामना संवाददाता / मुंबई
नई मुंबई स्थित `पाम बीच’ के साइकिल ट्रैक का मामला पूरी तरह से विवादों में घिर चुका है। इस मामले में मनपा आयुक्त डॉ. वैâलाश शिंदे ने जहां दोनों इंजीनियरों को सस्पेंड करने का पैâसला किया है, वहीं अब पूरे मामले की नए सिरे से जांच की मांग जोर पकड़ रही है। शुरू से ही शिकायत की जाती रही है कि इस साइकिल ट्रैक का निर्माण दोषपूर्ण है। निर्माण पूरा नहीं होने पर ठेकेदार को दिए गए बिल, दोषपूर्ण निर्माण और इस प्रोजेक्ट की टेंडर राशि को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया या नहीं, इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं और इस मामले की जांच कुछ पूर्व वरिष्ठ इंजीनियरों की ओर जाने की संभावना जताई जा रही है।
नई मुंबई मनपा ने सरकार को सौंपी गई विकास योजना में शहर में साइकिल ट्रैक का आरक्षण रद्द कर दिया है। कुछ माह पहले मनपा मुख्यालय के पास साइकिल चलाते समय एक साइकिल सवार की दुर्घटना में मौत हो गई थी। पाम बीच रोड पर मनपा द्वारा बनाया गया साइकिल ट्रैक समान नहीं है, बल्कि यहां सिग्नल के पास हरी झाड़ियां काटकर साइकिल ट्रैक को सड़क की ओर मोड़ दिया गया है। इसलिए, पूरे ट्रैक पर शुरू से ही गलत निर्माण का आरोप लगाया गया है। महाराष्ट्र तटीय नियामक प्राधिकरण ने मनपा को साइकिल ट्रैक का निर्माण करते समय पर्यावरण संबंधी विचारों पर विचार करने की सलाह दी थी। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि तारीकरण का उपयोग कम करके बायोबाइंडर और अन्य पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों का उपयोग कम किया जाना चाहिए।
मनपा मुख्यालय के पास से शुरू होकर, इस मार्ग को शुरू में वाशी के सानपाड़ा के मोराज चौक तक बनाने की योजना बनाई गई थी। इसके बाद इसमें दोबारा बदलाव किया गया। पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि इस साइकिल ट्रैक का काम भी घटिया हुए है
नई मुंबई में साइकिल ट्रैक का काम गलत है और अनवरत इसकी जांच की जा रही है। शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले मोरबे बांध से आने वाले मुख्य जल चैनलों पर एक साइकिल ट्रैक का निर्माण किया गया है। जिस सिटी इंजीनियर के कार्यकाल में साइकिल ट्रैक का निर्माण हुआ था, उस समय संबंधित अधिकारियों पर भी मनपा को कार्रवाई करनी चाहिए।
-समीर बागवान, पदाधिकारी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)