गुजरात के रास्ते मुंबई तक फैला ड्रग्स का कारोबार
नागमणि पांडेय
पाकिस्तान के ड्रग्स तस्कर गुजरात के रास्ते मुंबई तक अपने कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। इसके लिए वे गुजरात के समुद्री किनारे को सबसे सुरक्षित अड्डा मान रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि गुजरात का मुंद्रा बंदरगाह अर्थात अडानी पोर्ट पिछले कुछ सालों से देश में ड्रग्स तस्करी का केंद्र बनता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यहां तस्करों के साथ ही व्यापारी भी खुलकर तस्करी करते हैं। इसी पोर्ट से होते हुए महाराष्ट्र की सीमा में भी ड्रग्स को भेजा जाता है। पिछले महीने इसी समुद्री रास्ते से पाकिस्तान का ‘जहर जिहाद’ की कोशिश को नाकाम करते हुए करीब ३०० करोड़ रुपए की ड्रग्स और हथियारों के साथ १० लोगों को कोस्ट गार्ड ने गिरफ्तार किया है। इसके अलावा गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र के सातारा में भी ड्रग्स फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया था।
अडानी पोर्ट पर बढ़ती जा
रही है ड्रग्स की तस्करी
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ समय से सीमा पार से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी की जा रही है, इसकी सूचना कोस्ट गार्ड को मिली थी। इस सूचना को लेकर कोस्ट गार्ड्स, नौसेना और स्थानीय पुलिस की मदद से जॉइंट ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। पहली बार गुजरात की समुद्री सीमा में ड्रग्स के साथ हथियार बरामद किए गए। पाकिस्तानी नाव ‘अल सोहली’ से करीब ३०० करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद हुई। गुजरात में अडानी पोर्ट पर ड्रग्स तस्करी की तादाद भी बढ़ती ही जा रही है। दूसरी तरफ इन ड्रग्स तस्करी के ऐसे मामलों में कभी पुलिस किसी टिम्बर वाले को तो कभी पीवीसी पाइप बनानेवाले को उठा ले जाती है, लेकिन बंदरगाह के मालिक से कभी पूछताछ नहीं की गई। बता दें कि यह मुंद्रा बंदरगाह वही पोर्ट है, जहां से ३,००० किलो ड्रग्स बरामद हुई थी जिसकी कीमत इंटरनेशनल मार्वेâट में लगभग २१ हजार करोड़ रुपए बताई गई थी। हाल ही में मुंबई निवासी सलीम नाम के शख्स को पकड़ा गया था, जिसने करोड़ों रुपए की ड्रग्स बेची थी। उसे मुंबई पुलिस की मदद से गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि वह पाकिस्तान के कनेक्शन से ड्रग्स हासिल करता था।
बता दें कि अडानी का यह बंदरगाह इस वक्त देश में नकली दवाओं और ड्रग्स की तस्करी का ही नहीं, बल्कि नार्को टेररिज्म का भी सबसे बड़ा अड्डा बना हुआ है। इसके बावजूद सरकार अडानी को बंदरगाह से लेकर एयरपोर्ट तक सौंपती जा रही है और नए टर्मिनल बनाने की इजाजत भी दे रही है। इन सभी चीजों को लेकर सरकार और अडानी समूह पर सवाल उठते रहे हैं पर जवाब न ही सरकार देती है और न ही अडानी समूह। वर्ष २०१४ के बाद अडानी की संपति में काफी वृद्धि हुई, जो अमीरों की टॉप लिस्ट में पहुंच गई। इससे एक सवाल जो पैदा होता है, वो यह कि इस ड्रग्स तस्करी का जिम्मेदार कौन है, सरकार या अडानी? सरकार अलग-अलग ड्रग्स मामलों पर अपना दोहरा चरित्र क्यों दिखा रही है?
अडानी पोर्ट ड्रग्स असाइनमेंट लिस्ट
२० दिसंबर २०१६ को अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर आ रहे एक जहाज से श्रीलंका में ८०० किलो कोकीन पकड़ी गई थी, जिसकी कीमत करीब १२ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा बताई गइ थी।
पिछले साल अडानी के हजीरा पोर्ट से १२० करोड़ रुपए की नशीली दवाएं बरामद की गई थीं। इस ड्रग्स को आईएसआईएस ड्रग्स का नाम दिया गया था। नाम से ही पता चल गया होगा की यह आतंकवादी संगठनों से जुड़ी हुई दवाइयां हैं।
पिछले साल सितंबर महीने में मुंद्रा बंदरगाह से २१ हजार करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद हुई थी। इस मामले में एनआईए की टीम ने अभी तक २४ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इन गिरफ्तारियों के अलावा जनता के सामने पूरी कहानी नहीं आई है।
गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर ही अफगानिस्तान से लाई गई ड्रग्स, जिसे वहां से दिल्ली भेजा जाना था। गुजरात एटीएस और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर करीब २० करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की थी।
गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह के पास से करीब ७५.३ किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई। कंटेनर में रखे कपड़े के ५४० थान का बारीकी से निरीक्षण करने पर उनमें से ६४ के अंदर हेरोइन पाउडर मिला था।
२५ दिसंबर को ३०० करोड़ रुपए की ड्रग्स और हथियार के साथ पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर रही नाव को पकड़ा गया था। इस मामले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत
मादक पदार्थों की तस्करी एक अंतरराष्ट्रीय चुनौती है। इसलिए सभी देशों को इस आपराधिक कृत्य से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए। सरकार ने कानून तो बहुत बना रखे हैं, पर व्यवस्था में भ्रष्टाचार इस कदर है कि पुलिस प्रशासन व कानून का कोई डर नहीं है।
सचिन पाल, नई मुंबई
जन-जागरूकता जरूरी
नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए जन जागरूकता जरूरी है। स्थानीय लोग जब तक इस अपराध के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक बड़े स्तर पर कार्रवाई होना मुश्किल है। पुलिस की तस्करों तक पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। तस्करी संबंधी कानून में कठोर सजा के प्रावधान किए जाएं ।
-एड. रत्नेश मिश्रा, नई मुंबई
ग्रामीण क्षेत्रों से ड्रग सप्लाई
ड्रग्स तस्कर पुलिस से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कारोबार कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पैâक्ट्री शुरू कर शहर में ड्रग्स सप्लाई करते हैं। हाल ही में मौके से पुलिस ने एक महिला हिस्ट्रीशीटर, ड्रग तस्कर समेत चार लोगों को अरेस्ट किया। ड्रग तस्कर को ३.६ किलोग्राम मेफोड्रोन के साथ पकड़ा, जिसकी कीमत लगभग ७ करोड़ रुपए आंकी गई। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट ७ ने २५ मार्च को जिले के कवटेमहाकल तालुका के इरली गांव में छापा मारा था। इस गिरोह से जुड़े लोगों की तलाश अभी भी जारी है।
दत्ता नलावडे, डीसीपी