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पंचनामा : विस्फोटकों का जखीरा मिलने के बाद भी रामभरोसे है कल्याण रेलवे स्टेशन की सुरक्षा!

सुजीत श्रीवास्तव

-बिना जांचे यात्रियों की आवाजाही है शुरू

-सुरक्षा के नाम पर बहा दिए करोडों रुपए

-मेटल डिटेक्टर और स्कैनर खा रहे हैं धूल

मुंबई से सटे ठाणे के कल्याण रेलवे स्टेशन पर हाल ही में विस्फोटक इलेक्ट्रिक डेटोनेटर्स का जखीरा मिलने से खलबली मच गई थी। कल्याण के प्लेटफार्म नंबर एक के पास स्थित एक पीपल के पेड़ के नीचे दो बॉक्स में करीब ५४ डेटोनेटर्स पुलिस ने जब्त किए थे। हालांकि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में रेलवे पुलिस के डीसीपी मनोज पाटील ने बताया था कि यह खदान और उत्खनन के काम में धमाका करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डेटोनेटर हैं। इन सबके बावजूद अभी भी प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। यहां लगे सभी मेटल डिक्टेटर धूल खा रहे हैं। इनका न तो रखरखाव किया जा रहा है और न ही कोई गार्ड तैनात है जो स्टेशन परिसर में आने वाले यात्रियों के सामान की जांच कर सके। यही वजह थी कि यहां से डेटोनेटर्स का जखीरा मिला। सुरक्षा के लिए लाखों रूपये खर्च कर प्लेटफॉर्म क्रमांक एक पर आठ मेटल डिक्टेटर लगाए गए हैं। बता दें कि कल्याण जंक्शन पर रोजाना २७० अप और डाऊन मेल एक्सप्रेस सहित करीब ६०० उपनगरीय लोकल ट्रेनों का भी आवागमन होता है। इसके अलावा यहां से रोजाना लगभग छह लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। इसके बावजूद कल्याण जंक्शन सुरक्षा की दृष्टि से कमजोर साबित हो रहा है। इसकी मुख्य वजह नियोजन का अभाव है।

आतकी कई बार दे चुके हैं धमकी
गौरतलब है कि कल्याण रेलवे स्टेशन को आतंकियों द्वारा कई बार उड़ाने की धमकी दे चुके हैं। इतना ही नहीं अभी हाल ही में स्टेशन पर विस्फोटक सामान मिले थे। इसके बावजूद कल्याण रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। कल्याण रेलवे स्टेशन मध्य रेलवे का ऐसा पहला स्टेशन है जहां पर कोई भी कहीं से भी बिना रोक-टोक के स्टेशन परिसर में विचरण कर सकता है। बता दें कि कल्याण रेलवे स्टेशन में कुल तेरह वैध और अवैध मार्ग हैं। जहां से कोई भी आ-जा सकता है। इसलिए सुरक्षा में सेंध लगाना आसान है। यहां आने वाले यात्रियों के सामान की जांच करना टेढ़ी खीर है। स्वयं चलित सीढियों का मुंह स्टेशन से बाहर की तरफ होने से भी स्टेशन परिसर में आने वाले यात्रियों व अन्य लोगों पर पैनी नजर रखना मुश्किल ही है। फिर भी रेल सुरक्षा बल के एक प्रभारी के मातहत नब्बे लोग कार्यरत हैं जिनमें तीन पुलिस उपनिरीक्षक, सात सहायक निरीक्षक और बाकी अन्य लोग हैं। महाराष्ट्र सुरक्षा बल के जवान भी भीड़ नियंत्रण दल के रूप में तैनात रहते हैं।

स्टेशन बना आपराधिक तत्वों का ठिकाना
रोज यात्रियों के मोबाइल चोरी होने, जेब काटने की घटनाओं के साथ-साथ सामान चोरी होने की घटनाओं की शिकायत सामने आती हैं। कुछ साल पहले एक नंबर प्लेटफार्म के मुंबई छोर पर एक युवती के साथ निंदनीय वारदात हुई थी। इसके बाद से अब तक कल्याण रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा समय-समय पर उठता रहता है। आज कल्याण स्टेशन पर यात्रियों के मोबाइल, सामन आदि चोरी होने की शिकायतें आती रहती हैं। यही नहीं कल्याण स्टेशन से नशीले पदार्थों के अलावा ड्रग्स और गुटखा जैसे प्रतिबंधित सामानों के सौदागर भी गिरफ्तार हो चुके हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में रेल सुरक्षा बल के प्रभारी राकेश कुमार का कहना है कि कल्याण रेलवे स्टेशन में आने वाले हर यात्री की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। हम रेलवे की प्रॉपर्टी की सुरक्षा भी देखते हैं। आने वाले समय में यात्रियों की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। जिनमें अमृत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन को हब बनाकर प्रवेश और निकास के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। बाहर की तरफ से स्टेशन पूरी तरह से बंद रहेगा। हर किसी यात्री को बिना जांच किए स्टेशन परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। ऐसी योजना अमल में लाने के प्रयास किए जा रहे है। राकेश कुमार के अनुसार एक माह अंदर खराब हो चुके मेटल डिक्टेटर बदल दिए जाएंगे और सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि स्टेशन परिसर में ऐसे सीसीटीवी लगाये जा रहे हैं जिनसे यात्रियों के चेहरे फोकस हो सकेंगे।

बंद हो छेड़छाड़ की घटनाएं 
कल्याण रेलवे परिसर में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ट्रेनों में से अकसर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती हैं। बोगी में नशेड़ी घुस जाते हैं और वे इस घटना को अंजाम देते हैं। रेलवे को इन सबके बारे में उपाय करने चाहिए।
-रुक्मिणी सोनी, समाज सेविका, कल्याण

सुरक्षा के सामान पड़े हैं बेकार 
कल्याण जंक्शन चारों तरफ से खुला होने की वजह से शहरी अपराधी अपराध करने के पश्चात रेलवे की हद में घुस जाते हैं। इसकी उपाय योजना जरूरी है। जितने भी इंट्रेंस हैं सभी पर सुरक्षा के उपाय करने चाहिए। लाखों के सामान मंगाए गये थे, लेकिन सब बेकार पड़े हुए हैं। लोगों के पैसों को रेलवे मिसयूज कर रही है।

-रूपेश भोईर, अध्यक्ष- यंगस्टर यूथ फाउंडेशन, कल्याण

राम भरोसे यात्रियों की सुरक्षा 
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे कई उपाय करती है लेकिन होता कुछ नहीं है। भावी योजनाओं पर अमल करने तक यात्रियों की सुरक्षा क्या राम भरोसे रहेगी? मौजूदा समय में लाखों यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी है। जबकि रेलवे हमेशा से ही आतंकियों के निशाने पर रहती है, उस पर भी लापरवाही ठीक नहीं है।
-रविंद्र सांगले, कल्याण 

नाकाम साबित हो रहे हैं उपाय 
कल्याण रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे ही है। नियोजन का अभाव है। यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है। यहां से लाखों यात्री यात्रा करते हैं, उपाय भी किए जा रहे हैं लेकिन वे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।

-जगदीप वाघचौडे, ठाणे

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