मुख्यपृष्ठनए समाचार पंचनामा : महंगा ब्याज तिल-तिल मार रहा है! मकान खरीदना तो दूर...

 पंचनामा : महंगा ब्याज तिल-तिल मार रहा है! मकान खरीदना तो दूर अब आम इंसान उसका सपना भी नहीं देख सकता, रेपो रेट में बदलाव नहीं, लोन की दरें और ईएमआई भी जस की तस

धीरेंद्र उपाध्याय
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का पैâसला किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आठ फरवरी को मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों का एलान किया। केंद्रीय बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट को यथावत रखते हुए उसमें कोई बदलाव नहीं किया है। लगातार छठी बार रेपो रेट को ६.५ फीसदी पर बरकरार रखने का पैâसला लिया गया है। आरबीआई के पैâसले के बाद एक बार फिर से ब्याज दर ६.५ फीसदी पर बना हुआ है। लोगों को उम्मीद थी कि इस बार रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती कर सस्ते लोन का तोहफा देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सस्ते लोन के लिए अभी जनता को और इंतजार करना होगा। इसके साथ ही आरबीआई की इन नीतियों को देखने के बाद आम लोगों के मन में यह सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर महंगे ब्याज से छुटकारा कब मिलेगा?
बता दें कि रिजर्व बैंक महंगाई को नियंत्रण में करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि और कटौती करता है। यह मुद्रास्फीति ही है, जिसे थामने के लिए सारी दुनिया के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी या कटौती करते रहते हैं। ६ फरवरी से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में लिए गए पैâसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर ने दी। यह मीटिंग हर दो महीने में होती है।
आरबीआई ने इससे पहले दिसंबर में हुई बैठक में ब्याज दरों में कोई कमी नहीं की थी। बता दें कि रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इसी तरह जब आरबीआई रेपो रेट कम कर देता है तो इससे बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।

कटौती की उम्मीद असंभव
अर्थशास्त्री सुजान हाजरा का भी मानना है कि दर में जल्द कटौती नहीं हो सकती है और आरबीआई प्रतीक्षा और निगरानी मोड पर रहेगा। हाजरा ने कहा कि वित्त वर्ष २०१५ के लिए आरबीआई के मुद्रास्फीति अनुमान ४.५ प्रतिशत के साथ चालू वर्ष में कटौती की कोई भी उम्मीद असंभव हो गई है। हमारा मानना है कि खाद्य कीमतों में प्रगति आगामी नीति में आरबीआई के रुख के लिए मुख्य निगरानी होगी। अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह, चालू और अगले वर्ष के लिए उच्च वृद्धि आरबीआई को प्रतीक्षा और घड़ी की स्थिति में रहने के लिए अधिक गुंजाइश देती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद हुई वृद्धि
रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने मई, २०२२ में नीतिगत दर बढ़ाना शुरू किया था और इस साल फरवरी में यह ६.५ प्रतिशत पर पहुंच गई थी। इसके बाद से लगातार पिछली तीन द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में नीतिगत दर को स्थिर रखा गया। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि इस बार की मौद्रिक नीति में मौजूदा दर संरचना के साथ ही नीतिगत रुख के जारी रहने की संभावना है। इसलिए रेपो दर ६.५ प्रतिशत पर बरकरार रखी जाएगी।

घर खरीदारों को कोई राहत नहीं
आरबीआई के इस पैâसले ने ईएमआई पर घर खरीदारों को एक बार फिर से झटका दिया है, जो उनके हित में नहीं है। पिछले एक साल से आरबीआई ने रेपो रेट को ६.५ फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि, इसके ठीक विपरीत रियल एस्टेट सेक्टर में लगातार डिमांड बनी हुई है। साथ ही कॉमर्शियल सेगमेंट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रमिला बदामे, व्यवसायी
देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
एक बार फिर से आरबीआई ने रेपो दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है, जो निश्चित रूप से रियल एस्टेट सेक्टर के लिए फायदेमंद है। लेकिन घर खरीदारों का मनोबल और गिरेगा। इससे स्पष्ट संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पहुंचेगा।
रमजान शेख, संचालक, पृथ्वीराज इन्टरप्राइजेस
रेजिडेंशियल सेक्टर में मांग में आएगी कमी
जैसा कि अपेक्षित था, आरबीआई ने एक बार फिर रेपो दरों को बरकरार रखा है। फरवरी २०२३ के बाद से छठी बार लंबे समय तक दरों को नियंत्रित रखा गया है। यह आर्थिक विकास की गति को नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही मुद्रास्फीति भी गिर सकता है। यह निर्णय घर खरीदारों के हित में बिल्कुल भी नहीं है और इससे देश की समग्र आर्थिक प्रगति के अनुरूप सभी रेजिडेंशियल सेक्टर में मांग में कमी आ सकती है।
रूपेश भोईर, व्यवसायी
अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा नहीं
रियलिटी सेक्टर रेपो रेट बरकरार रखने के लिए आरबीआई का यह पैâसला सही नहीं है। आरबीआई के इस कदम से स्थिरता को बढ़ावा तो मिलेगा, लेकिन घर खरीदारों और निवेशकों सहित स्टेकहोल्डर के बीच विश्वास की कमी भी आएगी। दूसरी तरफ इसके चलते अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट को बढ़ावा मिलने की कम उम्मीद है।
एम. ए. माजिद सिद्दकी, संचालक, हैप्पी होम मल्टी चैनल

अन्य समाचार