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पंचनामा : कैसे एतबार करूं… झूठा है तेरा वादा!… भाजपा के घोषणापत्र पर बोली जनता… मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं

रामदिनेश यादव

लोकसभा चुनाव में जनता के सामने जाने के लिए भाजपा के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। भाजपा ने रविवार को अपना घोषणा-पत्र जारी करते हुए तमाम वादे किए हैं, लेकिन जनता वादे पर अविश्वास जताते हुए पिछले १० सालों का हिसाब मोदी सरकार से मांग रही है। भाजपा नेतृत्ववाली केंद्र की मोदी सरकार जनता के सवालों का जवाब देने में असफल साबित हो रही है। इस बीच इस चुनाव के लिए भाजपा के घोषणा-पत्र में जो बड़े-बड़े वादे किए गए हैं उसे लेकर जनता भ्रमित है। जनता का सीधा कहना है कि भाजपा पर अब उन्हें विश्वास नहीं है। मोदी सरकार पर वैâसे एतबार करें.. झूठा है तेरा वादा..!
मोदी सरकार ने १० सालों में क्या किया?
अपने घोषणा-पत्र में भाजपा ने वादा किया है कि वह केंद्र में सरकार बनाने के बाद पूरे देश में ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करेगी। भाजपा ने ‘मोदी की गारंटी’ नाम से संकल्प पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने वादा किया है कि किसानों के ५० हजार रुपए कर्ज की लिमिट को बढ़ाया जाएगा। साथ ही ७० वर्ष से ज्यादा आयु वाले बुजुर्गों को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा। उन्हें मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। घोषणा-पत्र में जहां तीन करोड़ और घर बनाने का वादा किया गया है, वहीं अब पाइप लाइन के माध्यम से सस्ती रसोई गैस घर-घर पहुंचाई जाएगी। लेकिन सवाल यह है कि अब इन मुद्दों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी आए हैं, तो पिछले १० वर्षों में उन्होंने क्या किया?
सवाल पूछ रही है जनता
पीएम नरेंद्र मोदी से जनता सवाल पूछ रही है कि हमें कर्ज देकर पंगु बनाने का इरादा है क्या? इसके बजाय रोजगार और नौकरी दें तो ज्यादा बेहतर रहेगा। भाजपा की मंशा साफ झलक रही है। देश पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है। आज देश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य का अधिकार है। इसके लिए सरकार अस्पतालों में इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना की लिमिट बढ़ाने की बात कर रही है, जबकि सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने को लेकर कोई जवाबदेही सरकार पूरी नहीं कर पा रही है। बिजली के बिल बढ़ा दिए गए हैं, जनता को बिजली मुफ्त देने का चूरन दिया जा रहा है।
गरीबों के लिए कुछ नहीं?
भाजपा के घोषणा पत्र में कहा गया है कि सरकार साल २०२० से ८० करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त राशन दे रही है। अगले पांच वर्षों तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त में राशन देना जारी रखा जाएगा। इस बात पर लोगों का कहना है कि क्या दाल, चावल और रोटी से ही गरीब का स्वास्थ्य अच्छा होगा? पीएम आवास योजना के विस्तार की बात कर रहे हैं, लेकिन शहरी इलाकों में सिर्फ ढाई लाख रुपए का अनुदान मिलता है, जबकि कई लाख रुपए भरने के लिए गरीब के पास रकम कहां से आएगी? इस घोषणा-पत्र में गरीबों के लिए कुछ नहीं है।
जनता सब देख रही है
भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र में कोई नई बात नहीं है। भाजपा के पिछले दस सालों के कार्यकाल पर नजर डालें तो इसमें रोजगार, शिक्षा, महंगाई और औद्योगिक नीतियों पर कभी बात नहीं की जाती है। चुनाव आते ही भाजपा के लोकलुभावने वादे शुरू हो जाते हैं। अब देश की जनता सब देख रही है। हाल ही में बेरोजगारी को लेकर रिपोर्ट आई थी, जिसमें देश के ८३ प्रतिशत पढ़े-लिखें युवा बेरोजगार होने की बात कही गई थी।
अंकित शुक्ला, माटुंगा
सभी तरह की शिक्षा मुफ्त हो
भाजपा केवल धर्म की राजनीति करती रही है। उसे लोगों कग समस्याओं से कुछ लेना-देना नहीं है। भाजपा का घोषणा-पत्र केवल लुभावना ही है। आज उच्च शिक्षा लेने वाले जो कर्ज लेकर पढ़ते हैं उसका ब्याज सबसे अधिक है। सभी तरह की शिक्षा को नि:शुल्क क्यों नहीं किया जा रहा है? फीस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। पांच किलो राशन से क्या है? किसका पेट भरेगा। महंगाई नियंत्रण में हैं क्या? आज ग्रामीण क्षेत्र में आने-जाने के लिए रास्ते नहीं हैं।
शुभम खलदकर, वरप, कल्याण
पिछले वादे नहीं हुए पूरे 
देश में महंगाई अपने चरम पर है। बेरोजगार युवाओं की बढ़ती संख्या देश के लिए चिंता का विषय है। आज सबसे अहम मुद्दा शिक्षा, रोजगार, महंगाई और महिला सुरक्षा है। भाजपा ने अभी तक २०१४ और २०१९ के घोषणापत्र में किए वादों को पूरा नहीं किया है और इस बार ‘मोदी की गारंटी’ बताकर लोगों को धोखा देने का काम कर रही है। लेकिन जनता अब इनके जुमलों को समझ चुकी है। भाजपा सरकार गरीब की नहीं बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है।
जमीर कुरैशी, गोवंडी
सुरक्षा और रोजगार का क्या?
भाजपा के घोषणा-पत्र के मुताबिक, मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए कम दर में आवास, सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं, अच्छी शिक्षा और रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार के मौके को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। आने वाले ५ सालों में तीन करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की घोषणा की गई है, लेकिन कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा पर जवाब कौन देगा? शिक्षा और युवाओं के रोजगार पर कोई ठोस उपाय नजर नहीं आ रहा है।
अरविंद सावंत, सांसद, नेता शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)
भाजपा के वादे, इरादे सब झूठे
भाजपा के घोषणा-पत्र में तीन मुद्दे बहुत ही अजीब हैं। पहला मुद्दा विरासत से विकास तक, भाजपा वाले कह रहे हैं कि अब विरासत से आगे विकास की बात करेंगे, लेकिन वह खुद विरासत के सहारे हैं। राज्य में १२ जगह पर विरासत के धनी को उन्होंने टिकट दिया है। दूसरा मुद्दा है ‘वन नेशन वन इलेक्शन’, भाजपा ने यह घोषणा करके साबित कर दिया है कि वह संविधान में बदलाव करेगी, संविधान में साफ कहा गया है कि सत्ता में किसी एक का हस्तक्षेप नहीं होगा, सत्ता अलग-अलग केंद्रों में स्थापित है, लेकिन इस डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम को भाजपा बदलकर सेंट्रलाइज करना चाहती है जिसका मतलब है कि हुकुम तंत्र मजबूत हो जाएगा। तीसरी मुद्दे पर तो भाजपा वाले बात ना करें तो अच्छा है। देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात भाजपा कर रही है, लेकिन भाजपा ने ही अन्य दलों से भ्रष्टाचारियों को अपने भीतर समाहित कर लिया है।
सुषमा अंधारे, उपनेता, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)
भाजपा नहीं अडानी की सरकार 
मोदी सरकार ने पिछले १० साल में सिर्फ अडानी के लिए ही काम किया है। यह सरकार अडानी की सरकार है। क्या ऐसा नहीं लगता कि अडानी को घोषणापत्र में हिस्सा देना चाहिए था। ‘समान नागरिक संहिता’ का वादा भी पिछले चुनाव में किया गया था, तो भाजपा ने अब तक इसे लागू क्यों नहीं किया? क्या किसी ने उन्हें रोका है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का मतलब अब कोई चुनाव नहीं होगा। भाजपा ने जो वादे २०१४ और २०१९ में किए थे वही वादे उनके आज के घोषणा पत्र में भी हैं। नाना पटोले, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
केवल बड़े-बड़े वादे करती है भाजपा 
भाजपा जब भी घोषणा-पत्र जारी करती है तो उसमें बेरोजगारी और महंगाई कम करने के कोई भी मुद्दे नहीं रहते हैं। यह पार्टी कभी रोजगार या किसानों की समस्याओं के बारे में बात नहीं करती है, चुनावी घोषणा-पत्र में केवल आम लोगों को आकर्षित करने वाले वादे ही रहते हैं। भारत देश के करोड़ों पढ़े-लिखे बेरोजगार युवको को मालूम है कि भाजपा केवल चुनाव के समय ही बड़े-बड़े वादे करती है।
सत्य नारायण यादव, नालासोपारा

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