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पंचनामा : मनपा ने फिर शुरू की ‘क्लीनअप मार्शल’ योजना … गड्ढों, फुटपाथों और ट्रैफिक पर ध्यान नहीं? … मनपा की कार्यप्रणाली पर नागरिकों ने उठाया सवाल

संदीप पांडेय

मनपा ने २ अप्रैल से मुंबई में ‘क्लीनअप मार्शल’ योजना फिर से शुरू की है। ये मार्शल शहर में गंदगी और कूड़ा फैलाते हुए पकड़े गए व्यक्तियों को ऐप के जरिए रसीद जारी करते हुए उनसे जुर्माना भरवाएंगे। मनपा की इस पहल की जहां कुछ नागरिकों ने सराहना की है तो वहीं कई नागरिक मनपा की इस पहल को दिखावा बताते हुए उससे ही सवाल कर रहे हैं।

मनपा पर भी लगे जुर्माना
मुंबई में ‘क्लीनअप मार्शल’ योजना के फिर से शुरू होने पर नागरिकों का कहना है कि मनपा की इस पहल पर एक कहावत ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ बिल्कुल उस पर फिट बैठती है। क्योंकि मनपा अपनी गलतियों को छिपाते हुए मुंबई में पैâली गंदगी को नागरिकों पर थोप रही है। मनपा खुद तो मुंबई को स्वच्छ रखने में नाकाम है तो अब वह नागरिकों से गंदगी और कूड़ा पैâलाने पर उनसे जुर्माना वसूलना चाहती है। मनपा को क्लीनअप मार्शल तैनात करने से पहले सड़कों को गड्ढामुक्त करने, टूटे फुटपाथों को दुरुस्त करने, सड़कों को कचरा मुक्त करने, जगह-जगह कूड़ेदान रखने, प्रतिदिन कचरे को उठवाने, सड़कों और फुटपाथों पर से अतिक्रमण हटवाने के साथ ही सार्वजनिक शौचालय भी बनवाना चाहिए।

मोबाइल एप्लिकेशन के साथ पायलट योजना
बता दें कि इन ‘क्लीनअप मार्शलों’ को मनपा के ‘ए’ वॉर्ड और ‘सी’ वॉर्ड में एक मोबाइल एप्लिकेशन के साथ पायलट आधार पर पेश किया गया है। जिसमें गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव और सीएसएमटी जैसे पर्यटनवाले क्षेत्र शामिल हैं। ये मार्शल सार्वजनिक स्थानों पर थूकते, गंदगी और कूड़ा पैâलाते हुए पकड़े गए नागरिकों से जुर्माना भरवाते हैं। यह जुर्माना २०० रुपए से लेकर १,००० रुपए तक हो सकता है।

लग चुका है अवैध वसूली का आरोप
गौरतलब है कि ‘क्लीनअप मार्शल’ योजना को लेकर अक्सर विवाद होता रहा है। कई बार इनकी मनमानी की शिकायतें आती हैं। मार्शल पर भी नियमों का अनुपालन न करने और लोगों से अवैध रूप से पैसा वसूलने का आरोप लगा। बता दें कि पहली बार साल २००७ में यह योजना शुरू हुई थी। लेकिन २०११ में मनपा को इस योजना को बंद करना पड़ा था, इसके बाद जुलाई, २०१६ में इस योजना को फिर से शुरू किया गया था, जो कोरोना काल तक जारी रहा। ‘क्लीनअप मार्शल’ के एक बार फिर से शुरू होने पर मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि इस एप्लिकेशन में एक जियो-टैगिंग सुविधा शामिल है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मार्शल अपने निर्दिष्ट क्षेत्रों को पार न करें।

सफल नहीं ‘डीप क्लीनिंग’ योजना
यह सभी जानते हैं कि २०२४ का इलेक्शन सिर पर है। किसी न किसी बहाने से छूट दिखाकर लोगों का वोट हासिल करने का यह एक तरीका है। ‘डीप क्लीन’ भी इनका एक ऐसा ही अभियान है, जिसके तहत मनपा ने मुंबई की साफ-सफाई करने का पैâसला लिया है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि यह सफल होगी। यह बात बिल्कुल सही है कि अगर लोग मनपा पर जुर्माना लगाने की बात कर रहे हैं तो ऐसा होना ही चाहिए।
वर्षा राणे, मुंबई

मनपा का झूठा दावा
देखिए, यह सब मुंबई मनपा का जुमला है, ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है। वह बोल देती है, लेकिन करती कुछ नहीं है। मैं कांदिवली में रहती हूं, लेकिन यहां पर साफ-सफाई का नामोनिशान भी नहीं है और न ही मुंबई मनपा का कोई भी कर्मचारी या अधिकारी इस पर ध्यान देता दिखाई दे रहा है। ‘डीप क्लीन’ के दौरान मनपा का कहना था कि जहां पर मेट्रो का कंस्ट्रक्शन हो रहा है, वहां पर उड़ती धूल पर पानी डाला जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। मैंने अपने पास बन रहे कंस्ट्रक्शन साइट पर कभी भी पानी का छिड़काव होते हुए नहीं देखा, वह भी एक झूठ था और मुझे पता है यह भी एक झूठ है।
प्रतीक्षा सोम, मुंबई

महीनों तक नहीं हटाया जाता कूड़ा
मुंबई मनपा अपनी गलतियों को छुपाने के लिए ऐसे बेमतलब का जुर्माना लोगों पर लगा रही है। मैं माहिम की एक बस्ती में रहती हूं। यहां पर जगह-जगह कूड़ा जमा है, जिसे महीनों तक हटाया नहीं जाता है। अब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या इसके जिम्मेदार भी आम नागरिक हैं। हमारी बस्ती में हर जगह कचरे का ढेर मिल जाएगा। उसे कोई साफ करने नहीं आता है। १०-१५ दिन बाद मनपा के कचरे की गाड़ी आती है और वह कुछ कचरा तो ले जाती है पर कुछ कचरा वहीं छोड़ जाती है। मेरा मानना है कि हमें मनपा पर ही जुर्माना लगाना चाहिए।
आरती घोष, मुंबई

लोगों की असली तकलीफों को जाने मनपा
यह तो जबरदस्ती है। मनपा पिछले कुछ दिनों से ‘डीप क्लीन’ अभियान चला रही है, जिसमें कहीं भी मुझे सफाई होते हुए नहीं दिखाई दी। मुंबई के बड़े-बड़े इलाकों जैसे अंधेरी, बोरीवली में जरूर सफाई हुई होगी, लेकिन मेरे इलाके माटुंगा में सफाई नजर नहीं आती है। मनपा को जगह-जगह पर लगे कूड़े-कचरे का ढेर और रास्तों के गड्ढे नहीं दिखाई देते हैं। मेरे खयाल से मुंबई मनपा को इन सब चीजों पर ध्यान देना चाहिए, सिर्फ ऊपर से सफाई करने से नहीं काम चलेगा। मनपा लोगों से बात करें, लोगों से जुड़े, लोगों की असली तकलीफों को जानें तब पता चले।
प्रकाश सिंह, मुंबई

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