अमर झा
मानव जाति प्रकृति की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है, लेकिन इसी मानव जाति के अंदर जब दानव प्रवृत्ति आ जाती है तो वो दानवों से भी बदतर कुकर्म कर बैठता है। आज हम बात कर रहे हैं, मानव रूपी ऐसे दानव की, जो एकतरफा प्रेम में असफल होने पर अपनी प्रेमिका की बेहरहमी से हत्या कर देता है। प्रेम वो शब्द है, जहां हिंसा की रत्तीभर गुंजाइश नहीं होती। हम भगवान से प्रेम करते हैं, प्रकृति से प्रेम करते हैं, परिवार से प्रेम करते हैं। प्रेम का हर रूप कितना पवित्र और नि:स्वार्थ होता है। हजारों उदाहरण हैं, जिसमें प्रेमवश बड़े से बड़े त्याग लोगों ने किए हैं, जबकि आजकल आए दिन एकतरफा प्यार में पड़े सनकी आशिक अपनी कथित प्रेमिका की हत्या करने से बाज नहीं आता है। कुछ माह पूर्व नई मुंबई के उरण में एक लड़की की उसके प्रेमी ने पत्थर से सिर पर मार-मारकर हत्या कर दी थी, तो दिल्ली में एक सरफिरे ने अपनी कथित प्रेमिका की हत्या गला रेतकर कर दी थी।
अभी दो दिन पूर्व ही वसई की आरती यादव की हत्या उसके प्रेमी ने बीच सड़क पर खुलेआम कर दी। हत्यारे ने रिंच से युवती के सिर पर १६ प्रहार करके उसे मार दिया। आरती की गलती सिर्फ इतनी थी कि वो आरोपी के साथ शादी नहीं करना चाहती थी।
परिजनों की शिकायतों पर नहीं दिया ध्यान
ऐसे मामले में जब लड़की के परिवार वाले शिकायत करने पुलिस स्टेशन जाते हैं, तो पुलिस एक एनसी लेकर खानापूर्ति कर लेती है। वसई घटना मामले में मृतक की बहन ने अचोले पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उसका कहना है कि शनिवार को आरोपी धमकी देकर गया था। परिवारवालों ने इसकी शिकायत अचोले पुलिस में की थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से मामले को नहीं लिया।
सिरफिरे से न बढ़ाएं मेल-जोल
इस मामले में समाजसेविका अनिता दीक्षित का कहना है कि समाज में ऐसी घटना न हो, इसके लिए हमारी बेटियों को चाहिए कि किसी सिरफिरे लड़के से ज्यादा मेलजोल न बढ़ाएं, ऐसे लड़के शातिर होते हैं और लड़कियों की मासूमियत का फायदा उठाते हैं और अपना स्वार्थ पूरा न होने पर हत्या जैसे जघन्य अपराध करने से भी पीछे नहीं हटते हैं।
– अनिता दीक्षित, भायंदर
कड़ी सजा मिलनी चाहिए
ऐसी घटना ये दर्शाती है कि आज भी समाज में महिलाओं की स्थिति क्या है। गलती पुरुष करे, लेकिन भुगतान महिलाओं को करना पड़ता है। अगर महिला किसी को अपनी स्वीकृति से चुनती है तो वो उसकी स्वतंत्रता है, लेकिन जबरदस्ती और मजबूर वाला रिश्ता स्वीकार न करे तो उसको मौत का अंजाम भुगतना पड़े, ये अन्याय है। ऐसे सिरफिरे आशिक को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
-नीला शोन्स, भायंदर
मर चुकी है इंसानियत
आज लोगों का जमीर मर चुका है। लोगों की मानसिकता इतनी गंदी हो चुकी है कि एक लड़की को सरेआम मारा जाता है और सैकड़ों लोग तमाशा देखते रहते हैं, वीडियो बनाते हैं। एक सिरफिरा वहां मौजूद सैकड़ों लोगों पर भारी पड़ता है,जबकि तमाशा देखने वाले लोग एक साथ मिलकर एक सिरफिरे को पकड़ सकते हैं, लेकिन लोगों की इंसानियत मर चुकी है।
– एड. रीता झा, गोरेगांव
कार्रवाई करती है पुलिस
ऐसे मामले में शुरुआती दौर में ही पुलिस में शिकायत करनी चाहिए। दिल्ली में हुई घटना के बाद हम लोगों ने अपने जोन में सीपी साहब के आदेश से ऐसे मामले खासकर ३५४ जैसे मामले में शिकायत रजिस्टर्ड होने के बाद पुलिस सामने से पीड़ित परिवार से जानकारी लेती है। अगर मामले में सुधार नही हुआ तो पुलिस कार्रवाई करती है।
-प्रकाश गायकवाड़, डीसीपी-जोन १ मीरा-भायंदर