-काली, पीली टैक्सी व कैब ड्राइवर मनमाने ढंग से वसूल रहे किराया
-ड्राइवरों में नहीं है कानून का खौफ
संदीप पांडेय
काली, पीली टैक्सी और कैब ड्राइवर दिन-प्रतिदिन मनमानी करते जा रहे हैं। ये यात्रियों से तय किराए से कई गुना अधिक किराए की मांग करते हैं। जब कोई यात्री इनसे मीटर पर चलने की बात कहता है तो ड्राइवर कहते हैं कि उनका मीटर खराब है। यहां तक कि जब कोई यात्री उनके मुताबिक पैसे देने से इनकार कर देता है तो वो गंतव्य तक जाने से इनकार कर देते हैं। इतना ही नहीं, ड्राइवर गुंडागर्दी करने के लिए भी तैयार हो दाते हैं। यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी इस समस्या को कोई सुनने वाला ही नहीं है। काली, पीली टैक्सी और कैब ड्राइवरों में ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई का भी खौफ नहीं है। मुंबई में यातायात अनुशासन और बुनियादी तौर-तरीकों की कमी का खामियाजा पैसेंजर को भुगतना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई जैसे महानगर में लोग लोकल ट्रेन के अतिरिक्त यात्रा के लिए काली, पीली टैक्सी और कैब पर ही निर्भर रहते हैं। स्टेशन पर आने या हॉस्पिटल जैसी जगहों पर भी आने-जाने के लिए लोग काली, पीली टैक्सी और कैब का प्रयोग करते हैं, लेकिन ये टैक्सी, कैब ड्राइवर उन्हें लूटने की फिराक में रहते हैं।
ट्रैफिक पुलिस की जगह-जगह मौजूदगी के बावजूद ड्राइवर यात्रियों से तय किराए से अधिक पैसे की मांग करते हैं और पैसेंजर मजबूर होकर उन्हें अधिक किराए का भुगतान करते हैं। हाल ही में दादर स्टेशन के बाहर एक यात्री ने टैक्सी वाले से स्टेशन से एक किलोमीटर दूर जाने के लिए कहा तो टैक्सी वाले ने किराए के रूप में ७० रुपए की मांग कीr। जब पैसेंजर ने मीटर से चलने की बात कही तो इस पर टैक्सी ड्राइवर ने कहा कि मीटर खराब है।
दादर यातायात प्रभाग के एक आधिकारी ने बताया कि वे यातायात नियम को नहीं मानने वाले सभी टैक्सी चालकों को दंडित करते हैं। हम यात्रियों से हमेशा मीटर वाली वैâब से यात्रा करने का अनुरोध करते हैं। किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए पैसेंजर स्थानीय पुलिस चौकी या आरटीओ से संपर्क कर सकता है। व्यक्ति आरटीओ को स्प्०१ूर्aेग्म्दस्ज्त्aग्हूॅुस्aग्त्.म्दस् पर ईमेल करके भी शिकायत कर सकता है। इस पर व्यक्ति घटना का विवरण, टैक्सी पंजीकरण संख्या, स्थान, समय और तारीख की भी जानकारी दे सकता है। अधिकारी ने कर्मचारियों की लापरवाही की भी बात कही।
मैं समर्थन नहीं करता हूं
मैं ऐसे ड्राइवरों का समर्थन नहीं करता हूं, उनकी शिकायत मिलने पर उन्हें दंड दिलवाने के लिए तत्पर रहता हूं। नए पैसेंजर तो अक्सर इनकी ठगी के शिकार हो जाते हैं। कुछ टैक्सी और कैब ड्राइवर अपनी गाड़ियों में घोड़ा मीटर लगाते हैं। ये मीटर गाड़ी के गियर के नीचे लगाया जाता है, जिसका कंट्रोल बटन ड्राइवर के पास होता है, जिसे दबाते ही ये एक्टिव हो जाता है। यह घोड़ा मीटर बड़ी तेजी से बढ़ता है। इस तरीके से पैसेंजरों को लूटा जाता है। स्टैंड पर आउट का भी धंधा किया जाता है, जिसका मतलब होता है कि टैक्सी और कैब ड्राइवर अपने मन मुताबिक सवारी बैठाकर स्टैंड से जाते हैं। इसके लिए फिर चाहे जितना समय लग जाए। इन्हें ऐसा करने से ट्रैफिक हवलदार भी नहीं रोकते हैं, क्योंकि इसके लिए टैक्सी और कैब ड्राइवर हवलदार को हफ्ता के नाम पर ५० से १०० रुपए देते हैं।
-मोहम्मद सलीम खान, अध्यक्ष, यूनिवर्सल टैक्सी मैन वेलफेयर एसोसिएशन
पहले ऐसा नहीं था
मैं दादर में १२ साल से रहती हूं, लेकिन ऐसा पहले कभी-कभी होता था कि कोई १० में से १-२ टैक्सी वाला अपने मन से भाड़ा वसूलता था। अब १० में से ५ ऐसे हैं, जो अपने मन से भाड़ा वसूलते हैं। ऐसे लोगों पर आरटीओ को एक्शन लेना चाहिए, नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब यह आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा।
-आरती मोरे
प्रशासन एक्शन ले
मेरे घर से स्टेशन तक टैक्सी का नॉर्मल भाड़ा २८ रुपए होता है, लेकिन आजकल टैक्सी वाले ४० रुपए किराया मांगते हैं। पूछने पर बोलते हैं कि रास्ते में ट्रैफिक होता है इसलिए भाड़ा ज्यादा लेंगे। यह किस तरह की मनमानी है यह मेरे समझ के बाहर है। प्रशासन को इन पर कोई एक्शन लेना चाहिए, नहीं तो आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा।
-राहुल गजानन
चोरी के साथ अकड़ते भी हैं
टैक्सी वालों का एक ग्रुप बन गया है, जो ऐसा मनमाना भाड़ा मांग कर लोगों को लूट रहे हैं। ३ लोगों का शेयरिंग लेने के बाद भी एक व्यक्ति का २५ रुपए लेते हैं। चोरी भी करेंगे और अकड़ भी दिखाएंगे। आरटीओ को ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर इनका लाइसेंस रद्द करना चाहिए। जो ईमानदारी से कमा रहे हैं, वो बेवकूफ नहीं हैं।
-प्रतीक सावंत