भारतीय रेलवे ने जारी किया नया निर्देश
लंबी दूरी की ट्रेनों में शुरू हुई मुहिम
सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक अहम निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार अब वेटिंग टिकट पर यात्रा करनेवालों को बीच रास्ते में उतार दिया जाएगा। यह निर्देश विशेष रूप से लंबी दूरी की ट्रेनों में लागू किया गया है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों में भीड़ को कम करना और अधिकतम यात्रियों को सीट उपलब्ध कराना है। वेटिंग टिकट वालों को पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है कि उनकी टिकट वैध नहीं मानी जाएगी। इसके बावजूद यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट के साथ पकड़ा जाता है तो उसे बीच रास्ते उतार दिया जाएगा।
बता दें कि मुंबई से उत्तर भारत की तरफ जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में ज्यादातर वेटिंग टिकट के यात्री यात्रा करते हैं। ऐसे में अचानक वेटिंग टिकट के साथ यात्रा वैध न होने से लोगों में हड़बड़ाहट मच गई है। अब आरक्षित कोचों में वेटिंग टिकट पर सफर कर रहे यात्रियों के साथ सख्ती बरती जा रही है। मध्य रेलवे के मुंबई मंडल में २९ मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों के आरक्षित डिब्बों से हाल के दिनों में १,६२८ वेटिंग टिकट वाले यात्री उतारे गए हैं। यात्रियों का कहना है जब उतारना ही था तो वेटिंग टिकट क्यों जारी किया? अधिकारी नियमों का हवाला दे रहे हैं। उनका कहना है कि नियमानुसार वेटिंग टिकट लेकर आरक्षित कोच में यात्रा नहीं कर सकते।
इस मुहिम के तहत रेलवे सुरक्षा बल और टिकट निरीक्षक दलों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। वे ट्रेन के विभिन्न स्टेशनों पर चेकिंग करेंगे और वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को तत्काल ट्रेन से उतरने के लिए कहेंगे। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
रेलवे वेटिंग टिकट को कैंसल करने पर भी पैसे काटती है। लोग चार महीने पहले आरक्षित टिकट लेते हैं। वेटिंग टिकट के लिए भी उतनी ही कीमत चुकाते हैं। रेलवे इस रकम का इस्तेमाल करती है। ऐसे में चलती ट्रेन से वेटिंग टिकट वाले यात्री को उतारना अन्याय है।
-सुभाष गुप्ता, अध्यक्ष, रेल यात्री परिषद