सड़कों पर अव्यवस्था, यातायात जाम लोगों की मुश्किलें बढ़ी
प्रेम यादव / भायंदर
मीरा-भायंदर के विभिन्न इलाकों में अवैध फेरीवालों की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। भायंदर-पूर्व के बीपी रोड, तालाब रोड, भायंदर स्टेशन से गोडदेव मीरारोड स्टेशन के आस-पास और शांति पार्क, शीतल नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में फेरीवालों का अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। सड़कों पर अव्यवस्था, यातायात जाम और पैदल चलने की जगह की कमी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। मनपा प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रियता इस समस्या को और बढ़ा रही है। अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई न करने और नागरिकों की शिकायतों को नजरअंदाज करने के कारण स्थिति बिगड़ती जा रही है। फेरीवालों की बढ़ती संख्या के बावजूद मनपा प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
अवैध फेरीवालों के
खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं?
यह लापरवाही न केवल यातायात बाधित कर रही है, बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी चोट पहुंचा रही है। जब तक अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेंगे और अवैध फेरीवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक यह समस्या बनी रहेगी। नागरिकों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपील की है, ताकि उनकी दिनचर्या सुचारु रूप से चल सके और वे सुरक्षित महसूस कर सकें।
फेरीवालों की वजह से होता है ट्रैफिक जाम
भायंदर-पूर्व के निवासी रविकांत सिंह बताते हैं कि मीरा-भायंदर के बीपी रोड पर अवैध फेरीवालों की बढ़ती संख्या ने यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया है। फेरीवालों की वजह से सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। बच्चों को स्कूल छोड़ने और वापस लाने में बहुत कठिनाई होती है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। फेरीवालों के कारण स्टेशन के बाहर की सड़कें हमेशा जाम रहती हैं। कभी-कभी ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ना पड़ता है, लेकिन फेरीवालों की वजह से ट्रैफिक के कारण समय पर नहीं पहुंच पाते हैं।
फेरीवालों को अधिकारियों का संरक्षण
मीरा रोड के समाजसेवी सज्जी आईपी कहते हैं कि मीरा रोड स्टेशन के आस-पास, शांति पार्क, शीतल नगर के इलाके में अवैध फेरीवालों की भरमार से नागरिक परेशान हैं। यहां की सड़कों पर हर वक्त अव्यवस्था रहती है। फेरीवालों ने पैदल चलने की जगह तक नहीं छोड़ी है। शांति पार्क, शीतल नगर के इलाके में अवैध फेरीवालों की बढ़ती संख्या से शाम के वक्त बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। पुलिस को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। हमने सतत पत्र लिखकर मनपा प्रशासन पर कार्रवाई के लिए दबाव डाला है, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान हो सके। अधिकारी इस मामले में दोषी हैं, इस मामले को लेकर हम माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले हैं।