मुख्यपृष्ठनए समाचारमोहन की सीएम हेल्पलाइन से लोगों का उठा भरोसा...डेढ़ माह से लंबित...

मोहन की सीएम हेल्पलाइन से लोगों का उठा भरोसा…डेढ़ माह से लंबित है शिकायत

दीपक तिवारी / विदिशा

सुशासन की स्थापना को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का वादा करते हुए एमपी की भाजपा सरकार ने 11 साल पहले जन शिकायतों का निराकरण करने के लिए सीएम हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी, लेकिन जिला स्तर पर अधिकारियों की अनदेखी की वजह से लोगों का इस सेवा से भरोसा उठने लगा है। आलम यह है कि सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों का निराकरण डेढ़- डेढ़ माह बाद भी नहीं हो रहा है, जबकि इनका निराकरण 7 दिन में हो जाना चाहिए।
विदिशा के जिला आयुष अधिकारी डॉ. दिनेश अहिरवार की अनदेखी की वजह से मेडिकल स्टोर द्वारा गलत दवा देकर गलत बिल थमाने की शिकायत का निराकरण डेढ़ माह बाद भी नहीं हो सका है। जबकि सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों की निगरानी मुख्यमंत्री खुद करते हैं। इसलिए सवाल खड़ा होता है कि जब जिला स्तर पर अधिकारी शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरत रहे हैं, तो इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? जिन लोगों को तहसील, ब्लॉक तथा जिला स्तर पर न्याय नहीं मिल पाता, वे सीएम हेल्पलाइन 181 पर न्याय की गुहार लगाते हैं, लेकिन ये शिकायतें जिला स्तर पर उन्हीं अधिकारियों को निराकरण के लिए भेज दी जाती हैं, जिनके पास ये लोग न्याय की आस में पहले ही भटककर अपनी चप्पलें घिसा चुके होते हैं।
जिला आयुष अधिकारी ने की जांच में लीपापोती
मेडिकल स्टोर द्वारा गलत दवा और गलत बिल देने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन 181 काल सेंटर के माध्यम से 13 मार्च को दर्ज कराई थी। जबकि यही शिकायत पहले विदिशा के जिला आयुष अधिकारी को लिखित शिकायत की गई थी, जांच में खानापूर्ति करने से शिकायतकर्ता ने सीएम हेल्पलाइन की शरण ली और सीएम हेल्पलाइन ने जिला स्तर पर उसी अधिकारी को शिकायत जांच के लिए सौंप दी। सिस्टम की अनदेखी देखिए कि जिला आयुष अधिकारी ने सीएम हेल्पलाइन की जांच वरिष्ठ डाक्टरों से न कराते हुए जूनियर डॉक्टरों से कराकर फिर खानापूर्ति कर दी और 11 अप्रैल को शिकायतकर्ता से बात किए बगैर शिकायत को बंद करने की एकतरफा अनुशंसा सीएम हेल्पलाइन को कर दी।
एल-2 अधिकारी ने भी नहीं ली रुचि
जिला स्तर पर एल-वन अधिकारी की जांच से शिकायतकर्ता ने असंतोष जाहिर किया, जिसके बाद 11 अप्रैल को सीएम हेल्पलाइन ने एल-टू अधिकारी को शिकायत जांच के लिए भेज दी थी। लेकिन उन्होंने शिकायत में कोई जांच नहीं की और जिला आयुष अधिकारी की जांच पर मुहर लगाकर खानापूर्ति कर दी।
डेढ़ माह बाद शिकायत एल-3 अधिकारी के पाले में
एल-2 अधिकारी द्वारा निर्धारित अवधि में शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे सीएम हेल्पलाइन ने शिकायत 25 अप्रैल को जांच के लिए उच्च स्तर पर एल-3 अधिकारी के पास भेजी है। अब देखना है कि शिकायतकर्ता को मोहन सरकार की सीएम हेल्पलाइन से कब तक न्याय मिल पाता है?

अन्य समाचार