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अडानी के खिलाफ मुंद्रा गांव के लोगों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा! …मामले पर तुरंत विचार करने की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
गुजरात के मुंद्रा के ग्रामीणों ने अडानी कंपनी के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण विवाद में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद गुजरात सरकार ने जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। हालांकि, भूमि अधिग्रहण से ग्रामीणों के पास अपने मवेशियों को चराने के लिए बहुत कम जमीन बचेगी। इस पर राज्य सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय से कहा था कि वह भूमि अधिग्रहण रद्द कर देगी और जमीन वापस ले लेगी। हालांकि, इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए अब ग्रामीणों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में भूमि अधिग्रहण रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। तब से मामला सुप्रीम कोर्ट में है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा फिर उठा। ग्रामीणों के अधिवक्ताओं ने कहा कि चूंकि अडानी पोर्ट कंपनी ने गांव की जमीन पर निर्माण शुरू करने के लिए जेसीबी बुलाई है, इसलिए इस मुद्दे पर तत्काल विचार करने की जरूरत है।
वकील ने यह भी तर्क दिया कि राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण रद्द करने पर सहमत हो गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर रोक लगा दी थी, जिससे उन्हें काम जारी रखने की अनुमति मिल गई। ग्रामीणों ने विवादित जमीन पर निर्माण या अधिग्रहण रोकने का आदेश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी विश्वनाथन की पीठ ने ग्रामीणों से उचित याचिका दायर करने को कहा है। याचिका दायर होने के बाद कोर्ट इस मुद्दे पर विचार करेगा। फिलहाल इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। अडानी समूह की कंपनी अडाणी पोर्ट की मुंद्रा में प्रमुख उपस्थिति है। यह कच्छ की खाड़ी के पश्चिमी तट पर १५,००० हेक्टेयर क्षेत्र में पैâला हुआ है। मुंद्रा इकोनॉमिक सेंटर देश के निर्यात और आयात का प्रवेश द्वार है। इसलिए इस जगह पर अडानी ग्रुप की नजर है अब ग्रामीणों ने अडानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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