सामना संवाददाता / मुंबई
सरकार की बागडोर भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में है, लेकिन लोगों का जनादेश उनके अनुकूल नहीं है। पिछले चुनाव की तुलना में उन्हें कम सीटें मिली हैं। संसद में भी उनकी ताकत कम हुई है। ये बातें राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष ने कहीं। उन्होंने कहा कि एक तरह से लोगों ने मोदी को नकारा है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के लिए ५४३ सदस्यीय लोकसभा में २७२ का बहुमत हासिल करना मुश्किल होता अगर उन्हें नीतिश कुमार के नेतृत्ववाले जदयू, चंद्रबाबू नायडू के तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और अन्य गठबंधनों का साथ नहीं मिलता।
विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है राकांपा
शरद पवार ने दावा किया कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी पूरी तरह से तैयार है और राज्य की सत्ता उनके हाथ में होगी। राकांपा के २५वां स्थापना दिवस के मौके पर राकांपा (शरदचंद्र पवार) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश एक अलग परिस्थिति से गुजर रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र में राकांपा १० लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें से आठ में उन्हें जीत मिली।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में एक या दो लोगों ने ही देश को अपनी मर्जी से चलाया है। उन्होंने देश के बारे में व्यापक तरीके से नहीं सोचा और केवल सत्ता के केंद्रीकरण पर जोर दिया। राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख ने कहा कि सत्ता का केंद्रीकरण तो नहीं हुआ, लेकिन एक ऐसे प्रशासन की प्रक्रिया शुरू हो गई, जो सत्ता के केंद्रीकरण के रास्ते पर चलेगा।
स्थापना दिवस पर फहराया झंडा
राकांपा के स्थापना दिवस पर शरद पवार ने अपनी बेटी की उपस्थिति में पार्टी का झंडा फहराया। उन्होंने कहा कि पिछले २५ वर्षों में हमने पार्टी की विचारधारा को देशभर में पैâलाने का काम किया। हम पूरी ताकत से पार्टी को आगे तक ले जाएंगे। बता दें कि शरद पवार ने १९९९ में कांग्रेस से अलग होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की स्थापना की थी। पिछले साल जुलाई में अजीत पवार और कुछ अन्य विधायक राज्य में शिंदे गुट-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके बाद ही राकांपा दो हिस्सों में विभाजित हो गई।