कानपुर देहात: इंडियन कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टर हादसे में कानपुर देहात के हरकिशनपुर गांव के मूल निवासी पायलट सुधीर कुमार की शहादत ने पूरे गांव और क्षेत्र को शोकाकुल कर दिया है। पायलट सुधीर कुमार, जो अपनी वीरता और देशभक्ति के लिए जाने जाते थे, पोरबंदर (गुजरात) में इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में शहीद हो गए।
गांव में शोक और गौरव का माहौल
हरकिशनपुर गांव, जहां सुधीर कुमार का पुश्तैनी घर और खेती है, उनकी असामयिक मृत्यु के समाचार से गहरे शोक में है। गांववासियों ने उनकी वीरता और देश सेवा को याद करते हुए कहा कि सुधीर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे गांव के लिए गर्व का विषय थे।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
सुधीर कुमार के पिता नवाब सिंह यादव, जो सेना में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, ने कई साल पहले कानपुर नगर के श्याम नगर में मकान बनवाकर परिवार को वहां बसाया था। हालांकि, परिवार का गांव से संपर्क हमेशा बना रहा। सुधीर कुमार की शादी 10 महीने पहले झारखंड में तैनात एक महिला जज अबराती नाथानी यादव से हुई थी।
गांववालों की भावनाएं
गांव के बुजुर्ग और युवा, सभी सुधीर की शहादत से स्तब्ध हैं। गांववालों ने कहा, “सुधीर की बहादुरी और उनकी देशभक्ति हमें प्रेरणा देती है। उनकी शहादत ने हर गांववासी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।”
परिवार की सेवा परंपरा
सुधीर कुमार का परिवार देश सेवा की परंपरा के लिए जाना जाता है। उनके बड़े बेटे धर्मेंद्र सिंह यादव भारतीय वायुसेना में सार्जेंट के पद पर कार्यरत हैं। यह परिवार अपने देशप्रेम और समर्पण के लिए क्षेत्र में विशेष पहचान रखता है।
अंतिम संस्कार की तैयारी
सुधीर कुमार के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। गांव के लोग और आसपास के क्षेत्र के नागरिक श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कई सैन्य अधिकारी और स्थानीय नेता भी पहुंचने की उम्मीद है।
देशभक्ति की प्रेरणा
सुधीर कुमार की शहादत देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए उनके अटूट समर्पण को दर्शाती है। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा। पूरे देश ने उनकी शहादत को नमन करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
यह दुखद घटना न केवल सुधीर कुमार के परिवार और गांव के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी वीरता और समर्पण को देश हमेशा याद रखेगा।