मनपा करेगी सुझाव पर अमल
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के प्रसिद्ध शिवाजी पार्क में धूल की समस्या लगातार बढ़ रही है। आईआईटी मुंबई की विशेषज्ञ समिति ने इस समस्या का समाधान पानी छिड़कने और घास लगाने में सुझाया है। उनके अनुसार, पानी दो बार रोज सुबह और दोपहर में छिड़कने से हवा में उड़ने वाली महीन धूल को रोका जा सकता है। इसके साथ ही घास लगाने से भी धूल कम हो सकती है। मनपा ने इस सुझाव पर अमल करने का निर्णय लिया है और अगले छह महीनों में धीरे-धीरे पूरे शिवाजी पार्क में घास लगाने की योजना बनाई है। हालांकि, इसे लेकर स्थानीय निवासियों में असंतोष है, क्योंकि वे मानते हैं कि यह पुरानी योजनाओं का नया रूप हो सकता है।
२०२१ में मनपा ने शिवाजी पार्क में २५० ट्रक मिट्टी डाली थी, जिससे मैदान की ७० फीसदी हिस्सेदारी मिट्टी से भर गई। इसके बाद से धूल की समस्या और बढ़ गई है, जो हर मानसून के बाद और भी विकराल हो जाती है। एक निवासी का कहना है कि यह समस्या तो मानसून के बाद से शुरू होती है और दिनभर बनी रहती है।
एमपीसीबी का दबाव
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने मुंबई मनपा से १५ दिनों के भीतर इस समस्या का समाधान प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन समय सीमा समाप्त हो गई। अब मनपा को आईआईटी मुंबई से फिर से समय लेकर शिवाजी पार्क की मिट्टी का अध्ययन करने का आदेश दिया गया है। एक स्थानीय निवासी का कहना है कि मनपा को आईआईटी मुंबई के भूविज्ञान विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए थी। पानी छिड़कने से कोई विशेष असर नहीं हुआ।