सामना संवाददाता / उल्हासनगर
देशभर में बेघर लोगों को घर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ शुरू की है, लेकिन यह योजना उल्हासनगर में फेल हो गई, ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि इस योजना का लाभ लेने के लिए हजारों लोगों ने फॉर्म भरे, परंतु उल्हासनगर मनपा प्रशासन की ढिलाई के कारण अभी तक किसी भी व्यक्ति को इस योजना का लाभ नहीं मिल सका है।
उल्हासनगर मनपा के सार्वजनिक बांधकाम विभाग के कार्यकारी अभियंता तरुण सेवकानी ने बताया है कि ४४,७०९ लोगों ने आवास के लिए आवेदन किया है, जिसमें १५,७०१ लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया है तो २९,००८ लोगों ने ऑफलाइन आवेदन किया है। ४४,७०९ आवेदनों में से जांच के बाद १९,८६४ आवेदन वैध पाए गए। वैध आवेदनों को काफी समय पहले ही म्हाडा कार्यालय की संनियंत्रित समिति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद योजना की शुरुआत की जाएगी। आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि २०२२ तक सभी बेघरों को सरकार की तरफ से घर दिया जाएगा, लेकिन आज लंबे समय से लोग घरों के इंतजार में हैं।