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दोस्तों की मदद से खुद का अपरहण करवाकर तीन लाख की फिरौती मांगने वाले लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

राधेश्याम सिंह / वसई

नालोसापारा के रहने वाले रोहन तिवारी 22 वर्षीय के परिवार वाले को रात में एक वीडियो भेजा गया, जिसमें ये दिखाया गया कि रोहन का अपहरण कर लिया गया है और उसको पीट-पीटकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया है। अपहरणकर्ताओं ने रोहन की रिहाई के लिए 3 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। आचोले पुलिस स्टेशन और मुंबई के शिवाजी नगर पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया। 11 घंटे की अथक जांच के बाद अपहरण को सुलझा लिया गया, लेकिन जो सामने आया वो चौंकाने वाला था। रोहन तिवारी, 22 वर्षीय युवक नालासोपारा में अपनी मां, दो छोटे भाइयों, चाचा आदि के संयुक्त परिवार के साथ रहता था। सब कुछ ठीक चल रहा था। अचानक रात में उसके चाचा के मोबाइल पर एक वीडियो आया। यह वीडियो रोहन के मोबाइल फोन से आया था। वीडियो में रोहन को किसी अज्ञात स्थान पर बांधकर पीटा गया था। पिटाई के दौरान उसका काफी खून बह रहा था। वीडियो में अपहरणकर्ताओं ने 3 लाख रुपए मांगे थे। उनसे कहा गया था कि अगर यह रकम नहीं दी गई तो रोहन को मार दिया जाएगा। उसके परिजन तुरंत आचोले पुलिस स्टेशन में गए और अपराध जांच शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक यशपाल सूर्यवंशी और उनकी टीम ने घटना की गंभीरता को समझते हुए मामले की जांच शुरू की।पुलिस ने जब रोहन का मोबाइल फोन ट्रेस किया तो वह चेंबूर के म्हाडा कॉलोनी इलाके में था। यह पूरा इलाका घनी बस्ती वाला इलाका था। आचोले पुलिस ने स्थानीय शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन की मदद ली। अपहरणकर्ता ने फोन बंद कर दिया था। इस वजह से मुश्किलें आ रही थीं। अपहरणकर्ता ने फिर से फोन किया और कहा कि समय कम है। इसके बाद पुलिस ने अपनी चाल चली। उन्होंने अपहरणकर्ता को बातचीत में उलझाए रखा।उन्होंने बैंक बंद होने की बात कहकर 5,000 रुपए अस्थाई तौर पर भेज दिए और कहा कि वे पैसे अभी नहीं निकाल सकते, उन्होंने यह कहकर समय बिताया कि सुबह 9 बजे बैंक खुलेगा और वे पैसे निकाल लेंगे। इस बीच पुलिस की टीम रात भर जगह-जगह छापेमारी करती रही, लेकिन कुछ नहीं मिला। पुलिस ने जगह-जगह नाकेबंदी कर दी थी। अपहरणकर्ताओं ने रोहन के मोबाइल फोन से उसका वीडियो भेजा था और उससे पैसे उसके खाते में भेजने को कहा था। वे तुरंत 3 लाख रुपए फिरौती चाहते थे। ये सारी बातें संदिग्ध लग रही थीं। सुबह करीब 11 बजे अपहरणकर्ता रोहन को नाश्ते के लिए एक जगह ले गए। रोहन के चाचा जो उन नजर बनाए हुए थे उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया।लेकिन जो बात सामने आई वह चौंकाने वाली थी। रोहन और उसके दो दोस्तों ने इस अपहरण की योजना बनाई थी। इस बारे में बात करते हुए आचोले पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक यशपाल सूर्यवंशी ने बताया कि रोहन तिवारी अपने दोस्तों के साथ मिलकर प्रिंटिंग का व्यवसाय शुरू करना चाहता था। इसके लिए उसे पूंजी की जरूरत थी। अगर वह घर पर इसके लिए कहता तो उसे पैसे नहीं मिलते। इसलिए उसने अपने दोस्तों की मदद से खुद के अपहरण का नाटक रचा। इस संबंध में आचोले पुलिस स्टेशन में रोहन और उसके दो दोस्तों के खिलाफ गैर अभियोजन मामला दर्ज किया गया है। आचोले पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुजीत कुमार पवार, अपराध जांच शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक यशपाल शर्मा के साथ ही अमोल सांगले, अमोल बर्डे, विनायक कचरे आदि की टीम ने 11 घंटे तक चले इस रोमांचक अपहरण कांड को सुलझाया लिया है।

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