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दस्तावेज मांगने वाली अर्जी का पुलिस ने किया विरोध बृजभूषण शरण सिंह की कम नहीं हो रहीं मुश्किलें

यौन उत्पीड़न मामले में अब २ जुलाई को सुनवाई

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

यौन उत्पीड़न मामले में फंसे भारतीय कुश्ती महासंघ पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने यात्रा और सीडीआर समेत अन्य दस्तावेज मांगने वाली बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि आरोपी दस्तावेज तलब करने की आड़ में दोबारा जांच की मांग कर रहा है, जिसका निर्देश नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने मामले को दो जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है।
इससे पहले बृजभूषण सिंह पर

तय हुए थे आरोप

दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों द्वारा दायर एक आपराधिक मामले में भाजपा सांसद व भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय कर दिए। अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट से बाहर आने पर बृजभूषण ने कहा कि मैं पहले ही अपनी बेगुनाही का सबूत दे चुका हूं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत के समक्ष पेश आरोपियों ने पूछने पर अपना अपराध स्वीकार करने से इनकार करते हुए स्वयं को बेकसूर बताते हुए मुकदमे का सामना करने का तर्क रखा। सह-आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आपराधिक धमकी का आरोप भी तय किया गया है।
कोर्ट से बाहर आने पर पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मेरे ऊपर अभी चार्ज प्रâेम हुआ, जो आरोप लगाए गए हैं, उसे अब पुलिस को साबित करना है। मेरे पास अपनी बेगुनाही के पूरे सबूत हैं। उनकी टिकट काटे जाने को लेकर किए गए एक सवाल पर बृजभूषण ने कहा कि मेरे बेटे टिकट मिल गया है।

इससे पहले २६ अप्रैल को अदालत ने महिला पहलवान यौन शोषण मामले में आरोपी बृजभूषण सिंह की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में आगे की जांच की मांग की थी। राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने ७ मई को मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया था।

देरी करने की रणनीति

शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा था कि आवेदन में देरी करने की रणनीति थी और सीआरपीसी की धारा २०७ के स्तर पर दस्तावेज मांगे जा सकते थे। सिंह इस मामले में सह-अभियुक्त विनोद तोमर जो भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व सहायक सचिव हैं, के साथ जमानत पर हैं। दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने उनके खिलाफ धारा ३५४, ३५४ ए, ३५४ डी और ५०६ (१) (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। हालांकि, एक नाबालिग पहलवान द्वारा सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है।

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