-२२ वां पत्र लिखकर मांगे २१ करोड़, गृहमंत्री से परिवहन विभाग ने फिर लगाई गुहार
सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे परिवहन सेवा से मुफ्त यात्रा करनेवाले ठाणे शहर पुलिस और ठाणे ग्रामीण पुलिस पर पिछले चार वर्षों से २१ करोड़ रुपए का बकाया है। इसके लिए परिवहन विभाग ने सीधे गृहमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। पुलिस अनुदान की यह राशि परिवहन के खजाने में जमा हो जाए तो परिवहन की तिजोरी कुछ हद तक भर जाएगी। बता दें कि राज्य में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी मनपा परिवहन सेवा की बसों में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं। एक साल में एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी टीएमटी से यात्रा करते हैं।
यह किराया राशि पुलिस अनुदान के रूप में संबंधित परिवहन उपक्रम को देना अनिवार्य है। ठाणे परिवहन सेवा को यह पुलिस अनुदान २०१८-१९ से १९-२०,२०-२१ और २१-२२ तक चार वर्षों में नहीं मिला है। २१ करोड़ रुपए का बकाया है। इस संदर्भ में ठाणे परिवहन समिति के अध्यक्ष विलास जोशी लगातार पत्राचार कर रहे हैं। इस संदर्भ में समय-समय पर संबंधित विभागों को २२ बार पत्र भेजे जा चुके हैं। इसमें राज्य के गृहमंत्री, ठाणे पुलिस आयुक्त, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक का समावेश है। लेकिन अभी तक यह राशि परिवहन विभाग को नहीं मिली है।
कोरोना काल से बिगड़ी है आर्थिक स्थिति
कोरोना काल में ठाणे परिवहन सेवा की आय पहले से ही प्रभावित है। विशेष रूप से लॉकडाउन के दौरान नागरिकों को यात्रा करने की अनुमति नहीं थी, क्योंकि केवल आवश्यक सेवा कर्मचारियों को यात्रा करने की अनुमति थी। परिणामस्वरूप, केवल कुछ यात्री ही टीएमटी बसों में यात्रा कर रहे थे। इसका सीधा असर परिवहन विभाग के राजस्व पर पड़ा। पुलिस विभाग पर बकाया २१ करोड़ रुपए है। इस संबंध में ठाणे परिवहन समिति के अध्यक्ष विलास जोशी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यात्रा की बकाया राशि के संबंध में पुलिस से बार-बार पत्राचार किया गया है, लेकिन सरकार की ओर से बकाया राशि के संदर्भ में कोई भी उत्तर नहीं मिला है।