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‘राज’नीति : गहलोत की नसीहत

रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू

लो कसभा चुनावों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की (जालोर-सिराही) सीट पर प्रचार करने नहीं जाने के मुद्दे पर अब खींचतान शुरू हो गई है। वैभव गहलोत का प्रचार करने के लिए नहीं बुलाने के सचिन पायलट के बयान पर अमेठी में गहलोत ने कहा कि यह अनावश्यक मुद्दा बनता है या बनाया जाता है। चुनाव के वक्त किसी को ऐसे कमेंट नहीं करने चाहिए। ऐसी बेवकूफी भी नहीं करनी चाहिए कि मुझे बुलाया नहीं गया, मैं गया नहीं। इसका ऐसा कोई मतलब नहीं होता है। वो बयान भी नहीं देना चाहिए था। उस बयान की जरूरत नहीं थी। गहलोत ने कहा कि चुनाव में कभी इस तरह नहीं बोलना चाहिए। चुनाव में कोई बुलाता है, कोई नहीं बुलाता है। सब अपने समीकरण देखते हैं। हर उम्मीदवार अपने हिसाब से प्रचार के लिए नेताओं को बुलाता है। गहलोत ने कहा मान लीजिए मैं किसी को सूट नहीं करता तो नहीं बुलाएगा। मैं जाऊंगा तो कास्ट इक्वेशन बिगड़ जाएंगे। वो उम्मीदवार नहीं बुलाएगा। इसमें बुरा मानने की क्या बात है? हमारे यहां जातिगत राजनीति भी चलती है।
किरोड़ी की गुगली
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने एलान किया है कि यदि दौसा लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा चुनाव हार जाते हैं तो वो मंत्री पद छोड़ देंगे। राजस्थान की राजनीति में बाबा के नाम से मशहूर किरोड़ीलाल मीणा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं तथा उनके विरोध के चलते दौसा से मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर पूर्व मंत्री कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया गया था। दौसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो में भी किरोड़ीलाल मीणा उनके साथ रथ पर सवार हुए थे। दौसा सीट पर भाजपा प्रत्याशी को कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ऐसे में किरोड़ीलाल मीणा की घोषणा से प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। चर्चा है कि यदि दौसा सीट हारने पर किरोड़ीलाल मीणा मंत्री पद से इस्तीफा देते हैं तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित उन मंत्रियों व विधायकों की भी क्लास लगेगी, जिनके क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी हार कर निकलते हैं। पिछले दो चुनाव से सभी २५ सीट जीत रही भाजपा यदि २० से कम सीटों पर रह जाती है तो सरकार में भी फेरबदल हो सकता है।
हटेंगे डोटासरा
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का ३ साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। राजस्थान के कांग्रेसी हलकों में चर्चा है कि डोटासरा को एक और कार्यकाल का एक्सटेंशन मिलेगा या उनके स्थान पर नया अध्यक्ष बनाया जाएगा। यह सब कुछ लोकसभा चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा। यदि लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहता है तो डोटासरा को कार्यकाल का विस्तार मिल सकता है, अन्यथा उनके स्थान पर किसी नए व्यक्ति को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा। यदि डोटासरा को अध्यक्ष पद से हटाया जाता है तो उनके स्थान पर अध्यक्ष बनने वालों की कांग्रेस में लंबी कतार लगी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, कई बार के सांसद व विधायक नरेंद्र बुडानिया, राजेंद्र पारीक, अशोक चांदना, मुरारी लाल मीणा, बृजेंद्र ओल, सीपी जोशी, जुबेर खान, दिव्या मदेरणा, हरिश्चंद्र मीणा, रघु शर्मा, प्रसादी लाल मीणा सहित करीब एक दर्जन नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हैं। यदि डोटासरा को हटाया जाता है तो नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रमुख भूमिका रहेगी।
(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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