मुख्यपृष्ठनए समाचारबांद्रा स्टेशन की खूबसूरती का दुश्मन बना बीकेसी का प्रदूषण!

बांद्रा स्टेशन की खूबसूरती का दुश्मन बना बीकेसी का प्रदूषण!

-प्रदूषण से बांद्रा की विरासत को खतरा
-गंधक के बढ़ते स्तर से पत्थर और सागौन की लकड़ी हो रहे खराब

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई का बांद्रा स्टेशन, जो अपनी ऐतिहासिक और खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है, अब बीकेसी (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) क्षेत्र के बढ़ते प्रदूषण का शिकार हो रहा है। रेलवे अधिकारियों ने खुलासा किया है कि इलाके में गंधक (सल्फर) का स्तर बढ़ने से स्टेशन के पत्थरों और सागौन की लकड़ी को नुकसान हो रहा है। बांद्रा स्टेशन जो मुंबई की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, अपनी अनोखी डिजाइन और मजबूत निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन प्रदूषण के कारण इसकी सुंदरता और मजबूती खतरे में है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि गंधक के कारण पत्थर धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और लकड़ी की मजबूती नष्ट हो रही है।
रखरखाव का बढ़ता बोझ
पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि ‘सालों पुरानी सागौन की लकड़ी और पत्थर को गंधक की वजह से गंभीर नुकसान हो रहा है। इससे न केवल स्टेशन की खूबसूरती प्रभावित हो रही है, बल्कि जल्द ही इसे बचाने के लिए भारी रखरखाव की आवश्यकता पड़ेगी। अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो यह नुकसान और बढ़ सकता है।
प्रदूषण का असर क्यों?
बीकेसी में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों और वाहनों के अत्यधिक आवागमन से प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से ले चुका है। सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसें पत्थरों और लकड़ी पर तेजी से असर डाल रही हैं। इससे बांद्रा स्टेशन की ऐतिहासिक संरचना कमजोर हो रही है।

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