सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम कल २३ तारीख को घोषित होनेवाले हैं। वोटों की गिनती के बाद परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से जमकर शहरों में पोस्टर और बैनरबाजी होती है। इससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके मद्देनजर सख्त रुख अपनाते हुए मुंबई हाई कोर्ट ने मुंबई मनपा सहित प्रदेश के सभी मनपा और जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिया है कि विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने के बाद राज्य में कहीं भी अवैध होर्डिंग्स और बैनर नहीं लगने चाहिए।
बता दें कि ‘सुस्वराज्य फाउंडेशन’ द्वारा एडवोकेट उदय वरुंजीकर के माध्यम से दायर जनहित और अन्य याचिकाओं पर ३१ जनवरी २०१७ को ही हाई कोर्ट ने कार्रवाई के कई निर्देश दिए थे, लेकिन बाद में कई शहरों में इसका पालन नहीं होने पर हाई कोर्ट ने खुद ‘सुओ मोटो’ लिया है। इन याचिकाओं पर सुनवाई करने के बजाय हाई कोर्ट ने मूल जनहित याचिकाओं को पुनर्जीवित किया है और सुनवाई की। हाई कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि यदि किसी स्थान पर अवैध होर्डिंग्स या बैनर देखे जाते हैं, तो उन्हें तुरंत हटाया जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। इस संबंध में संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक और शहरों के पुलिस आयुक्त स्थानीय प्रशासन को आवश्यकता अनुसार, पुलिस बल भी प्रदान करें। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनकी कार्रवाई सफल हो, यह राज्य के गृह विभाग के सचिव, पुलिस महानिदेशक और मनपा प्रशासन विभाग के निदेशक की जिम्मेदारी होगी। इसके बाद कई मनपा व जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर अवैध होर्डिंग्स हटाए, कुछ नगरपालिकाओं ने डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है। सोलापुर मनपा ने तो दावा किया है कि वहां एक भी अवैध होर्डिंग नहीं पाया गया। सुनवाई के दौरान एडवोकेट मनोज शिरसाट ने यह भी उल्लेख किया कि मनपा प्रशासन ने सरकारी आदेशों और परिपत्रों के पालन के लिए समयबद्ध योजना प्रस्तुत करने में कोताही बरती है।