प्रभु राम को करते हैं नमन
जिसने दिया आदर्श को स्थान,
सभी को उचित सम्मान दिया
सभी को दिया स्थान।
पिता का वचन निभाया
माता को कराया स्नेह पान,
निषाद राज हो या हो शबरी
सभी को दिया उचित स्थान।
वन जंगल घूम दुष्टों का संहार किया
सभी समस्या का किया निदान,
भूमि किसी का अधिग्रहण किया नहीं
सभी संस्कृति का किया सम्मान।
जनता जनार्दन ही है सब कुछ
प्रभु जिनकी बातों का रखते मान,
आदर्श स्थापना हेतु धरातल पर
जीवन में किया सब काम ।
सतयुग में तो वचनबद्ध थे
कलयुग में दिया विधान को सम्मान,
हमारे प्रभु हैं आदर्श अधिष्ठाता
स्थापित करते हैं प्रतिमान।
जिससे प्रेरित हो हमारे युवा
कर रहे परोपकार का काम,
मातु पिता की सेवा करते
करते हैं सभी को सम्मान।
यूं ही हमारे युवा बढते रहें
समाज के लिए कुछ करते रहें,
देश बढ़े विश्व में बने महान
ले प्रभु श्री राम का नाम।
संस्कार समर्पण सेवा से
बनी हमारी अलग पहचान,
पहचान पर हमें अभिमान
विश्व बंधुत्व का देते पैगाम।
नित्य नई ऊंचाई छूते रहें
कर्तव्य पथ पर बढ़ते रहें,
बिना थके-हारे करें काम
ले प्रभु श्री राम का नाम।
-नरेन्द्र कुमार
भोजपुर (आरा), बिहार