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पालक मंत्री पद के विवाद में लटकी नासिक कुंभ की तैयारी!

-शिंदे गुट का पत्ता होगा गुल
-भाजपा के महाजन का पलड़ा भारी

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है। इसका राजनीतिक दुष्परिणाम महायुति के सहयोगी दलों में दिखने लगा है। हालांकि, बीजेपी फिलहाल सहयोगी पार्टियों को ज्यादा तवज्जो देती नजर नहीं आ रही है। महायुति में चल रहे विवाद के कारण दो महीने बाद भी नासिक के पालक मंत्री की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसके कारण नासिक में लगने वाले कुंभ की तैयारी को लेकर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। कुंभ मेले की तैयारी को लेकर अधिकारियों द्वारा अनौपचारिक रूप से बैठकें तो की जा रही हैं, परंतु कुंभ की तैयारी को लेकर जो निर्णय लेना चाहिए, वह पालक मंत्री न होने के कारण नहीं हो पा रहा है। जिससे अधिकारी भी असंमजस में दिखाई दे रहे हैं और कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
बता दें कि नासिक के लिए भाजपा के गिरीश महाजन और रायगड जिले के लिए राकांपा अजीत पवार गुट की अदिति तटकरे को पालक मंत्री घोषित किया गया। इस पर शिंदे गुट ने कड़ी आपत्ति जताई इसलिए विदेश में होने के बावजूद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह नियुक्ति टालनी पड़ी और पालक मंत्री की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। करीब एक महीने से हर कोई नए बदलावों को लेकर उत्सुक है। खासकर, शिंदे गुट और उसके नेता इसे लेकर काफी आक्रामक हैं। वे नासिक के लिए दादा भुसे के नाम पर जोर दे रहे हैं। इसके साथ ही उनकी यह भी जिद है कि रायगड जिले में पालक मंत्री पद हर हाल में शिंदे गुट को मिलना चाहिए। वे इस पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं। तो दुविधा यह है कि इस समस्या का क्या किया जाए। जहां पालक मंत्रियों की नियुक्ति पर विवाद जारी है, वहीं भाजपा ने शेष १७ जिलों में संपर्क मंत्री नियुक्त कर दिए हैं, जहां दादा गुट और शिंदे गुट के पालक मंत्रियों का भी समावेश है।
वहीं नासिक से गिरीश महाजन का दावा मजबूत माना जा रहा है। इस स्थिति ने एकनाथ शिंदे गुट को दुविधा में डाल दिया है। इससे शिंदे गुट के नेता ज्यादा परेशान हो गए हैं। नासिक में अजीत पवार के सबसे ज्यादा छह विधायक हैं और उससे नीचे बीजेपी के पांच विधायक हैं।
नासिक जिले से हैं तीन मंत्री
नासिक जिले में तीन मंत्री हैं लेकिन बीजेपी से एक भी सदस्य को मंत्री पद की लॉटरी नहीं लगी इसलिए बीजेपी विधायक पालक मंत्री पद के लिए जोर लगा रहे हैं। यह बहस और तेज होने की संभावना है। पिछले दो माह से इस संबंध में कोई समाधान नहीं निकल सका है इसलिए जिला योजना बोर्ड सहित सिंहस्थ कुंभ मेले की योजना को लेकर काम आगे नहीं बढ़ सका।

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