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भेड़-बकरियों की तरह रह रहे हैं कैदी! …सेंट्रल जेल में ९९९ कैदियों को रखने की है क्षमता

-३,००० से अधिक आरोपी हैं कारावास में कैद
-मानवाधिकार आयोग ने भेजा मुख्य सचिव को नोटिस
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ वर्षों में मुंबई में विभिन्न प्रकार के अपराधों और अपराधियों की संख्या में वृद्धि हुई है। परिणामस्वरूप, मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में कैदियों को रखने के लिए अब कोई जगह नहीं बची है। जेल की कुल क्षमता ९९९ कैदियों की है। हालांकि, चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि ३,३६१ कैदियों को सामान्य जेलों में रखा गया है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और इस संबंध में महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। ब्रिटिश सरकार ने १९२६ में मध्य मुंबई के ऑर्थर रोड पर ८०० वैâदियों की क्षमता वाली जेल का निर्माण कराया था। इसी बीच १९७२ में इस जेल को सेंट्रल जेल घोषित कर दिया गया। २०२१ के मध्य तक जेल की वैâदी क्षमता बढ़ाकर ९९९ कर दी गई। हालांकि, जेल में वर्तमान में ३,३६१ वैंâदी हैं, जो इसकी क्षमता से लगभग तीन गुना अधिक है। सूचना के अधिकार कार्यकर्ता संतोष नासाप ने मुंबई मध्यवर्ती कार्यालय से इस संबंध में जानकारी मांगी थी। कई वर्षों तक जेल में वैâदियों के बीच छोटी-छोटी बातें विवाद का कारण बनती थीं। बहस हाथापाई में तब्दील हो जाती है। इस संबंध में नासाप ने राज्य मानवाधिकार आयोग को एक पत्र भेजा था। इसके बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया। अगले १० सप्ताह के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। राज्य की ६० जेलों में ४०,००० से अधिक वैâदी हैं। जेल प्रशासन को पूरी जानकारी होने के बावजूद भी निवारक उपाय नहीं लागू किए जा रहे हैं।

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