मुख्यपृष्ठनए समाचारमहायुति सरकार में मुनाफाखोर बेलगाम ... मुंबईकरों का आंसू निकाल रहा है...

महायुति सरकार में मुनाफाखोर बेलगाम … मुंबईकरों का आंसू निकाल रहा है प्याज

– ३०० किमी का ४० रुपए प्रतिकिलो ट्रांसपोर्ट चार्ज
– नासिक में २० तो मुंबई में ६० रुपए किलो बिक रहा प्याज
रामदिनेश यादव / मुंबई
देश में मुनाफाखोरी चरम पर है। मुनाफाखोरी के चलते आम जनता को बड़ा झटका लगता है। उनकी जेब खाली होने में समय भी नहीं लगता है। हम बात कर रहे हैं प्याज की नाफाखोरी पर, एशिया की सबसे बड़ी लासलगांव प्याज मंडी में प्याज के दाम गिर रहे हैं। प्याज के दाम १५ से २० रुपए प्रतिकिलो हो गए हैं लेकिन फिर भी मुंबई में यही प्याज ६० रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है। मतलब नासिक से मुंबई ३०० किमी तक प्याज के ट्रांसपोर्ट चार्ज के नाम पर ४० रुपए वसूला जा रहा है, जबकि वास्तव में इसका ट्रांसपोर्ट खर्च मात्र २-२.५० रुपए तक ही होता है। ऐसे में आसानी से प्रतिकिलो ३७ रुपए से अधिक का मुनाफा वसूला जा रहा है और सरकार है कि कान में तेल डालकर सो रही है। ना किसानों को ना जनता को सीधे व्यापारियों को मोटा मुनाफा हो रहा है। इस पर सरकार का कोई अंकुश नहीं दिख रहा है।
प्याज के व्यापारी सुरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि मुंबई से मात्र ३०० किलोमीटर दूर स्थित लासलगांव बाजार समिति में किसानों को प्याज औसतन १५ से २० रुपए प्रििकलो दाम मिल रहा है। आने वाले दिनों में प्याज की कीमत और गिर सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि यही प्याज मुंबई में ५५ से ५६० रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही है। उन्होंने मुनाफाखोरी पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। ट्रांसपोर्टर टिल्लू जाधव ने बताया कि बाजार का शुल्क १ प्रतिशत, बोरी में भराई, हमाली और मुंबई तक ले जाने में प्रतिकिलो २ से ढाई रुपए हमें मिलता है। मान लो कि अगर किसान ने २० रुपए में बेची और ढाई रुपए ट्रांसपोर्ट चार्ज लगाया तो मुंबई २२.५० रुपए में प्याज मिलना चाहिए। अब बाकी का कहां जाता है यह बताना उचित नहीं है। एक अन्य ट्रांसपोर्टर ने हंसते हुए बोल गया कि किसानों को तो कम मिलता है ग्राहकों को लूटा जाता है। हमें भी कम मिलता है। बिचौली करके व्यापारी लूट मचाते हैं और जनता मुनाफाखोरी से त्रस्त नजर आती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार के पास मुनाफाखोरी को रोकने के लिए कोई सीधा सा मार्ग नहीं है। वह अलग-अलग स्थिति में अलग अलग उपाय का इस्तेमाल करती है लेकिन केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय मुनाफाखोरी प्राधिकरण है, पर यह महाराष्ट्र में बहुत एक्टिव नहीं है। उधर व्यापारियों का कुछ और ही तर्क है। उनका कहना है कि ५० किलो की एक बोरी में कम से कम २ किलो प्याज गीला या खराब निकलता है। इसके बाद खुदरा बिक्री के दौरान वजन में और कमी आती है। नई मुंबई में फिलहाल प्याज ४० से ४५ रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। खुदरा विक्रेताओं का दावा है कि गाड़ी भाड़ा और मजदूरी आदि में काफी पैसा खर्च हो जाता है।

अन्य समाचार