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प्रोजेक्ट पड़ताल : लिंक रोड का सपना चकनाचूर! … वर्सोवा-भायंदर के बीच सड़क मार्ग में अड़चनें हजार

ब्रिजेश पाठक
महत्वाकांक्षी वर्सोवा-भायंदर लिंक रोड परियोजना के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से प्राप्त तटीय विनियामक क्षेत्र स्वीकृति के अंतर्गत, मनपा को मैंग्रोव सेल और वन विभाग के साथ मिलकर मुंबई के तटीय क्षेत्र में मैंग्रोव नर्सरी और एक पुनर्स्थापन केंद्र स्थापित कर पर्यावरण क्षति की भरपाई करनी होगी। इस निर्देश का पालन करने हेतु मनपा ने वर्सोवा-भायंदर खंड के किनारे कम से कम १०-१५ हेक्टेयर की सन्निकट भूमि रखने वाले भूमिधारकों से अभिरुचि अभिव्यक्ति पत्र आमंत्रित किए हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में मनपा को वर्षों लग सकते है, क्योंकि पर्यावरण प्रेमी इस प्रोजेक्ट से कुछ खास सहमत नहीं हैं।
मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि लगभग १६,६२१ करोड़ की अनुमानित लागत वाली यह महत्वाकांक्षी परियोजना वर्सोवा और दहिसर के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करेगी, जिससे क्षेत्र में यातायात जाम की समस्या कम होगी। इसके अतिरिक्त, दहिसर को भायंदर से जोड़ने के लिए ५.६ किलोमीटर लंबे और ४५ मीटर चौ़ड़े एक एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा, जिससे यातायात प्रवाह और बेहतर होगा। इस अधोसंरचना से दहिसर चेकनाका पर यातायात का दबाव ३०-३५ फीसदी तक कम होने की संभावना है। यह परियोजना मीरा-भायंदर के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी, जिससे संपर्क बेहतर होगा और यात्रा का समय घटेगा। इस एलिवेटेड भाग की अनुमानित लागत लगभग ३,३०४ करोड़ है।

ज्वारीय जल विनिमय वाली भूमि को प्राथमिकता
सूचना के अनुसार, ऐसी भूमि के पट्टे की अवधि भूमि बीएमसी को सौंपे जाने की तिथि से शुरू होकर ५ से १० वर्षों तक की होगी। इन भूमि खंडों के लिए पात्रता मानदंडों में मोटरेबल सड़क या कम से कम ९ मीटर चौड़े राइट ऑफ वे के माध्यम से पहुंच शामिल है। ज्वारीय जल विनिमय वाली भूमि को प्राथमिकता दी जाएगी और मैंग्रोव क्षेत्र से प्रभावित भूमि को भी विचार में लिया जाएगा।

मैंग्रोव को बचाना जरूरी है, यह पर्यावरण के लिए व समुद्री जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। विकास के नाम पर पर्यावरण से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं। मनपा को मैंग्रोव न सिर्फ दोबारा स्थापित करना है बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि मैंग्रोव बचे रहें और तबाह न हों।
राहुल दास -भायंदर निवासी

शर्तों के साथ कोस्टल रेगुलेशन जोन की स्वीकृति
सड़क का संरेखण मौजूदा वर्सोवा इंटरचेंज से शुरू होकर भायंदर इंटरचेंज पर समाप्त होता है, जो मैंग्रोव, खाड़ी क्षेत्र और मेट्रो लाइन नंबर २ए के मेट्रो डिपो जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से होकर गुजरता है। नवंबर २०२४ में इस परियोजना के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन कोस्टल रेगुलेशन जोन की स्वीकृति प्राप्त हुई। इन शर्तों का पालन करने के लिए हमने मैंग्रोव नर्सरी और आवास पुनर्स्थापन केंद्र स्थापित करने हेतु उपयुक्त भूमि रखने वाले भूमिधारकों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी या अन्य पहलों के तहत अभिरुचि अभिव्यक्ति पत्र आमंत्रित किए हैं।

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