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प्रोजेक्ट पड़ताल : कागजों तक ही सीमित हैं रेलवे की कई योजनाएं! …कार्यान्वयन नहीं होने से दम तोड़ रही हैं परियोजनाएं

ब्रिजेश पाठक

शहर में लोकल को लाइफलाइन माना जाता है। प्रतिदिन लाखों लोग इस सेवा का इस्तेमाल करते हैं। पश्चिम रेलवे बोरीवली से विरार पांचवीं व छठी लाइन के विस्तार पर काम कर रही है। इसके अलावा विरार- दहानू तीसरी व चौथी लाइन के लिए भी काम किया जा रहा है। इन सबके अलावा रेलवे की कुछ ऐसी भी योजनाएं हैं जो केवल कागजों यानी दस्तावेजों तक ही सीमित हैं। इन योजनाओं के लिए बजट तो दे दिया गया लेकिन इनकी रफ्तार बहुत सुस्त है। बांद्रा-मुंबई सेंट्रल ५वीं और ६ठी लाइन परियोजना को अब तक पूरा नहीं किया गया है, जिसकी लागत ९१८ करोड़ है। इस योजना के अंतर्गत विरार से मुंबई सेंट्रल तक ५वीं और ६ठी लाइन का एक कॉरिडोर बनाए जाने का प्रस्ताव था ताकि बाहरी और उपनगरीय ट्रेन यातायात को अलग किया जा सके। वर्तमान में ६ठी लाइन का काम बांद्रा टर्मिनस से कांदिवली तक के उत्तरी हिस्से में पूरा हो गया है और बोरीवली से विरार तक का कार्य प्रगति पर है, लेकिन दक्षिणी छोर पर अब तक कोई काम नहीं हुआ है। दक्षिणी छोर पर, खार से मुंबई सेंट्रल के बीच काम होना था। माहिम स्टेशन पर फास्ट ट्रेन के प्लेटफार्मों को नई लाइनों को बिछाने के लिए तोड़ा गया था। प्रभादेवी और लोअर परेल स्टेशनों के बीच तथा बांद्रा स्टेशन के पास जमीन को साफ कराया गया था ताकि ६ठी लाइन बिछाई जा सके, लेकिन परियोजना को मौजूदा यातायात पर पड़ने वाले प्रभाव, सिग्नलों में बदलाव और अन्य कारणों के चलते बीच में ही रोक दिया गया। नई पटरियों के लिए बनाई गई जगह अब घास व झाड़ियों ने ले ली है।

अंधेरी स्टेशन पर एलिवेटेड डेक
अंधेरी स्टेशन पर एक एलिवेटेड डेक बनाने की तैयारी थी। यह डेक ६० मीटर लंबी और ३४ मीटर चौड़ी थी, जो ऑटोरिक्शा लेन के लिए बनाई गई थी। इस परियोजना का उद्देश्य यह था कि सड़क के दोनों ओर से ऑटोरिक्शा फुट ओवरब्रिज के पास डेक पर आ सकें ताकि यात्रियों को सुविधा हो। इसका निर्माण २०११ में शुरू हुआ था, लेकिन परियोजना अटक गई क्योंकि पहुंच मार्गों पर दुकानदारों का अतिक्रमण हो गया, जिससे कई समस्याएं पैदा हुर्इं।

रैंप के बेहतर उपयोग पर हो रही चर्चा
अंधेरी में रैंप को अच्छी तरह से जोड़ा गया है, इसे डिजाइन में शामिल किया गया है और एक प्रकार का प्लाजा बनाया है, जिससे यह काफी उपयोगी हो गया है। इस पर आगे चर्चा हो रही है कि रैंप का बेहतर उपयोग वैâसे किया जा सकता है। हार्बर लाइन रेलवे ब्रिज को स्थानांतरित करने का कार्य अभी प्रगति पर है और इस प्रक्रिया में यात्रियों को कम से कम असुविधा के साथ अधिक कुशलता से वैâसे पूरा किया जा सकता है, इस पर भी चर्चा जारी है।
-रेलवे अधिकारी, पश्चिम रेलवे
प्रोजेक्टों को गंभीरता से लेना जरूरी
रेलवे अपने प्रोजेक्ट को गंभीरता से ले और उस पर नियमित रूप से काम करे। बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे को यात्रियों की सुविधा के लिए सोचना पड़ेगा। नए प्रोजेक्ट की घोषणा करने से पहले पुराने प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहिए।
-एड. आनंद उपाध्याय

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