मुख्यपृष्ठनए समाचारप्रोजेक्ट पड़ताल : अब हाइपरलूप ट्रेन का दिखाया जा रहा सपना!

प्रोजेक्ट पड़ताल : अब हाइपरलूप ट्रेन का दिखाया जा रहा सपना!

ब्रिजेश पाठक

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव निरंतर हाइपरलूप ट्रेन की बातें कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह ट्रेन बुलेट ट्रेन से भी तेज दौड़ेगी, लेकिन क्या मंत्री ने यह बताया है कि इसका किराया कितना होगा? इससे कौनसी क्लास यात्रा करेगी? क्या देश का किसान या मजदूर इससे यात्रा करेगा? इन सवालों का जवाब देने से बचा जा रहा है।
१६ मार्च को रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की थी कि हाइपरलूप प्रोजेक्ट का निर्माण आईआईटी मद्रास द्वारा किया जा रहा है और यह ट्रेन एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी ट्रेन होगी, जिसे ४१० मीटर लंबा बताया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका किराया कितना होगा? क्या हवाई जहाज के बराबर होगा या इससे अधिक होगा। वहीं मुंबई-पुणे मार्ग पर पहली हाइपरलूप चलाने की बात कही गई है। बताया गया है कि मुंबई-पुणे कॉरिडोर को भारत की पहली हाइपरलूप परियोजना के लिए संभावित स्थान के रूप में चुना गया है। यदि यह प्रणाली लागू होती है, तो मुंबई और पुणे के बीच यात्रा का समय केवल २५ मिनट ही रह जाएगा, जो हवाई यात्रा से भी कम होगा।
कुछ देशों में फेल हो चुकी है हाइपरलूप
वर्ष २०१३ में एलन मस्क ने पहली बार हाइपरलूप की बात कही थी। मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस परियोजना पर काम करना शुरू किया, लेकिन २०२२ आते-आते इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद से इसका जिक्र लगभग हर देश में होने लगा। चीन, दुबई, दक्षिण कोरिया और जापान में भी इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है, लेकिन इसमें से कई कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट पर काम करना बंद कर दिया है। वहीं कुछ जगह तय समय से ज्यादा समय और अधिक लागत बताई जा रही है।

ऐसी ट्रेन की अभी जरूरत नहीं
आम ट्रेनों का बुरा हाल है। अगर हजारों करोड़ पहले से चल रहीं ट्रेनों को दुरुस्त करने पर लगाया जाए तो कितना बढ़िया होगा। इस प्रकार की ट्रेन की अभी जरूरत नहीं है।
-अविनाश यादव

आम इंसान जनरल ट्रेनों में ही करेगा सफर
कितना सुरक्षित होगा इसमें यात्रा करना। जो लोग हवाई जहाज से यात्रा करते हैं, वही इसमें यात्रा कर सकेंगे। आम इंसान तो जनरल ट्रेनों में ही पिसेगा।
-प्रिया दुबे, एमबीए छात्रा

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