-मनपा आयुक्त ने ३१ मई तक दी है डेडलाइन
ब्रिजेश पाठक
मनपा मानसून के पहले सड़कों को दुरुस्त करना चाहती है। इसलिए सड़कों का सीमेंटीकरण किया जा रहा है, लेकिन कई सड़कों पर काम की रफ्तार सुस्त है। वहीं ठेकेदारों का आरोप है कि उन्हें भुगतान समय पर नहीं किया जाता है जिससे काम और धीमा पड़ जाता है। मनपा आयुक्त ने घोषणा की है कि आने वाले ५४ दिनों यानी ३१ मई तक सड़क के सीमेंटीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा, लेकिन यह आसान नहीं लगता क्योंकि ५२५ किलोमीटर सड़कें खुदी हुई हैं, जो मुंबई की सड़कों की लगभग २५ प्रतिशत हैं, उन्हें ५४ दिन में पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
मनपा के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में मुंबई की हर चार किलोमीटर में से एक किलोमीटर सड़क खुदी हुई है ताकि सड़कों का सीमेंटीकरण किया जा सके। बता दें कि शहर में सड़क नेटवर्क २,०५० किलोमीटर का है। पहले से ही कमजोर सड़क नेटवर्क से जूझ रही मुंबई में सड़कों की अंधाधुंध खुदाई ने इस निर्णय को लेकर चिंता बढ़ा दी है। लोगों का सवाल है कि कई सड़कों को एक साथ क्यों खोदा जा रहा है। देश की वित्तीय राजधानी होने के बावजूद सबसे अधिक वाहन घनत्व के साथ मुंबई का कुल सड़क नेटवर्क अन्य महानगरों की तुलना में सबसे कम है।
बता दें कि दिल्ली में ३३ हजार किलोमीटर सड़कें हैं, जो मुंबई से १६ गुना अधिक हैं। बेंगलुरु में १२,८०० किलोमीटर, जो मुंबई से ६ गुना ज्यादा हैं। कोलकाता में ४,०१८ किलोमीटर हैं, जो मुंबई से दोगुना है और चेन्नई में २,७८० किलोमीटर हैं।
मनपा को सड़कों का घटिया कार्य, बिगड़ती वायु गुणवत्ता और काम की धीमी गति की शिकायतों से भी निपटना पड़ रहा है। सबसे अधिक प्रभावित वही लोग हो रहे हैं जिनके जीवन को बेहतर बनाने का वादा किया गया था, यानी इसके निवासी। मलबे की भूलभुलैया से गुजरते हुए नागरिकों को बढ़ते धूल और ध्वनि प्रदूषण, ट्रैफिक जाम, क्षतिग्रस्त यूटिलिटी लाइनों, पेड़ों की कटाई और जाम सड़कों की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। मानसून शुरू होने में केवल दो महीने बाकी है और यह देखते हुए कि बारिश के दौरान चार महीनों तक सिविल कार्य नहीं हो सकते, मनपा ने ३१ मई तक सभी खुदी हुई सड़कों को सीमेंटीकरण करने का लक्ष्य रखा है।
कैसे बनी परियोजना
जून २०२२ में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कार्यभार संभाला, तब उन्होंने दो वर्षों के भीतर मुंबई की सड़कों को ‘गड्ढामुक्त’ बनाने के लिए मौजूदा डामर सड़कों का सीमेंटीकरण करने की योजना की घोषणा की। इस घोषणा के बाद मनपा ने टेंडर जारी किए और दो चरणों में कार्य आदेशों के लिए ठेके दिए, जिनके तहत पश्चिमी, पूर्वी उपनगरों और द्वीप नगर क्षेत्र की लगभग ७०० किलोमीटर सड़कों को सीमेंटीकरण किया जाना है, जिसकी कुल लागत १७,७३३ करोड़ रुपए है। मुंबई के कुल २,०५० किलोमीटर सड़क नेटवर्क में से १,२२४ किलोमीटर सड़कों का पहले ही सीमेंटीकरण किया जा चुका है। पहले चरण की निविदाएं जनवरी २०२३ में दी गई थीं, जबकि दूसरे चरण की निविदाएं अगस्त २०२४ में आवंटित की गईं।
खोदी गई सड़कों से जाम हो रहा ट्रैफिक
मुंबई में आधिकारिक सिर्फ ५२५ किलोमीटर सड़कें ही खुदी हुई हैं लेकिन वास्तव में उससे ज्यादा सड़कें खोदी गई हैं। मुंबई में ट्रैफिक जाम का कारण लाखों वाहनों का होना व खोदी गई सड़कें हैं। मुंबईकर रोड टैक्स और स्ट्रीट टैक्स देते हैं, मगर सुविधा के नाम पर ट्रैफिक जाम मिलता है, जिससे वाहनों का अतरिक्त ईंधन खर्च होता है और प्रदूषण भी होता है। मनपा ने खोदी गई सड़कों का काम करने के लिए ३१ मई की डेडलाइन दी है, मगर मनपा के ढीले रवैए के कारण यह नामुमकिन है।
-शकील अहमद शेख, आरटीआई एक्टिविस्ट