-मुंबई की १५ समेत महाराष्ट्र की हैं २० कंपनियां
सामना संवाददाता / मुंबई
दावोस स्थित वर्ल्ड इकोनॉमी परिषद में १५.७० लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए ५४ सामंजस्य समझौते किए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दावा कर रहे हैं कि इससे १६ लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा, लेकिन जिन २९ कंपनियों के साथ समझौता किया गया है, उनमें से २८ कंपनियां हिंदुस्थानी हैं। इसमें से केवल एक ही कंपनी विदेशी है, जिसने महाराष्ट्र के साथ समझौता किया है। इतना ही नहीं, २८ में से २० कंपनियां महाराष्ट्र की ही हैं, जिसमें अकेले १५ कंपनियां मुंबई की हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बड़ी टीम स्टिजरलैंड के दावोस गई। चार दिनों के इस दौरे पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। अनुमान जताया जा रहा था कि इस दौरे में नामचीन विदेशी कंपनियों के साथ सामंजस्य समझौते होंगे। इससे महाराष्ट्र में भारी निवेश होगा। साथ ही रोजगार का सृजन होगा, लेकिन जिन २९ कंपनियों के साथ समझौते हुए उसमें केवल एक ही कंपनी बेल्जियम की ‘एबी एनबेव’ नामक कंपनी विदेशी है। इसके अलावा हैदराबाद की तीन, अमदाबाद, विजयवाड़ा, गुरुग्राम, बंगलुरु और कोलकाता की क्रमश: एक-एक कंपनियों का समावेश है। इसमें अधिकांश कंपनियां महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे और पुणे की हैं। ऐसे में सवाल उठने लगे है कि हिंदुस्थान की कंपनियों के साथ समझौता करने के लिए दावोस दौरे पर जाने के लिए क्या जरूरत थी। इसे महाराष्ट्र में ही रहकर किया जा सकता था।