प्रो. श्याम सुंदर भाटिया / देहरादून
जनता के हक-हुकूकों की हितैषी, सौम्य, मृदुभाषी, लेकिन ड्यूटी के प्रति बेहद ईमानदार एवम कड़क मिजाज रखने वाली 1988 बैच की आईएएस राधा रतूड़ी अब उत्तराखंड की नई मुख्य सूचना आयुक्त होंगी। मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत इस आईएएस को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वे अगली मुख्य सूचना आयुक्त होंगी। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने इस आशय की अधिसूचना भी जारी कर दी है। राज्यपाल ने यह नियुक्ति सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 15 की उपधारा (06) के अंतर्गत की है।
एमपी के जबलपुर में जन्मी राधा श्रीवास्तव का विवाह अपने आईपीएस साथी अनिल रतूड़ी से हुआ। उल्लेखनीय है कि आईपीएस राधा श्रीवास्तव ने अपने आईआरएस पिता की सलाह पर आईएएस बनने की राह चुनी और अंततः आईएएस बनीं। आईएएस राधा रतूड़ी चार राज्यों में सेवा देने वाली अधिकारी हैं। मध्य प्रदेश, अविभाजित उत्तर प्रदेश, अविभाजित आंध्र प्रदेश और अंत में उत्तराखंड में अनमोल सेवाएं जारी हैं। आईएएस राधा रतूड़ी देहरादून की डीएम रह चुकी हैं। 10 बरस तक मुख्य चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी का निर्वाहन कर चुकी हैं। उत्तराखंड की प्रथम महिला मुख्य सचिव के तौर पर रह चुकी हैं।
बतौर पत्रकार अपना करियर शुरू करने वाली राधा रतूड़ी ने मुंबई से मास कम्युनिकेशन में पीजी किया। मुंबई में ही इंडियन एक्सप्रेस में इंटर्नशिप की और इंडिया टुडे से अपने करियर का सफर शुरू किया, लेकिन आईआरएस पिता वीके श्रीवास्तव ने अपनी बेटी को सलाह दी कि वह सिविल सर्विस में जाए। पिता की नेक सलाह पर उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी।
1985-86 में वह भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) में अधिकारी चुनी गईं। 1987 में यूपीएससी की परीक्षा में फिर बैंठी और एमपी कैडर में आईपीएस चुनी गईं। प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद पुलिस अकादमी गईं, जहां उनकी मुलाकात अनिल रतूड़ी से हुई। पिता ने राधा रतूड़ी को फिर सलाह दी, वह आईएएस बनें। यूपीएससी की फिर तैयारी की और अंततः टॉपर बनीं एवम एमपी कैडर चुना। आईपीएस अनिल रतूड़ी से विवाह के बाद वह कैडर बदलाव की मांग करती रहीं। आखिरकार एक साल बाद वह अपना कैडर यूपी में बदलवाने में कामयाब हुईं। उत्तराखंड अलग राज्य बनने के बाद आईपीएस अनिल रतूड़ी ने उत्तराखंड में बसने का फेसला किया। लंबी सेवाओं के बाद रतूड़ी 2020 में उत्तराखंड के डीजीपी पद से सेवानिवृत हो गए।