योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
एक ओर जहां रेल परियोजनाओं को लेकर जनप्रतिनिधियों में श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है, तो वहीं आज भी कई रेलवे स्टेशनों पर सुविधाओं का टोटा है। लोगों के बार-बार आग्रह व रेल अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद वानगांव स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का अभाव है। जिससे यहां से आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि यहां से रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना है।
अधिकारी केवल दे रहे आश्वासन
यहां वर्षों से न तो समुचित पेयजल की व्यवस्था है और न ही प्रकाश की। वानगांव रेलवे स्टेशन पर पिछले कई वर्षों से रेलवे रिजर्वेशन का काउंटर खोलने की मांग लोग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों कई आश्वासनों के बाद भी लोगों की मांग अब तक पूरी नहीं हुई है। बताते चलें कि वानगांव और आस-पास बड़ी संख्या में यूपी, बिहार, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु के लोग रहते हैं। साथ ही कई गांव के लोग वानगांव रेलवे स्टेशन से ही रेल से सफर करते हैं, जो पिछले कई सालों से यहां रेलवे रिजर्वेशन काउंटर खोलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है।
टिकट दलालों का बोलबाला
दहाणू, घोलवड़, बोईसर, पालघर जैसे रेलवे स्टेशनों पर लोग रात-रात भर लाइनों में लगे रहते हैं। वानगांव में रेलवे रिजर्वेशन काउंटर न होने से लोगों को काउंटर से टिकट लेने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ट्रेन में टिकटों की बुकिंग को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कहीं जाना हो तो टिकट ही नहीं मिलता है। वानगांव के आस-पास रहने वाले लोग टिकट के लिए दलालों के चंगुल में फंसते जा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें टिकट के वास्तविक किराए से कई कई गुना ज्यादा शुल्क देना पड़ता है।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग से हो रहा नुकसान
रेलवे रिजर्वेशन काउंटर न होने से लोगों को ऑनलाइन टिकट मजबूरी में बुक कराना पड़ रहा है, ऐसे में ऑनलाइन चार्ज में लोगों को करीब १०० से २०० रुपए तक अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। इसके साथ ही यदि ऑनलाइन टिकट वेटिंग में है और टिकट कन्फर्म नहीं हुआ तो ऑटोमेटिक वैंâसिल हो जाता है, ऐसी स्थिति में यदि संबंधित व्यक्ति ट्रेन में सवार हो गया तो वह बिना टिकट हो जाता है। इसके अलावा भी काउंटर टिकट के कई फायदे हैं, जिससे लोग वंचित हो रहे हैं।