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रेलवे अंडरपास बने जलाशय! … बरसात में भर रहा है पानी  … कभी भी घट सकती है भीषण दुर्घटना

योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
पालघर में कई स्थानों पर रेलवे क्रॉसिंग बंद करके बनाए गए अंडरपास लोगों के लिए समस्या बन गए हैं। बरसात का पानी भर जाने से ये अंडरपास जलाशयों में तब्दील हो गए हैं, जिससे लोगों का आवागमन बाधित होता है और उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अंडरपास के निर्माण को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
मोटर पंप योजना हुई ध्वस्त
पालघर में मुंबई-सूरत रेल मार्ग पर विगत वर्षों में करीब आधा दर्जन जगहों पर रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर वहां अंडरपास बनाया गया है, लेकिन जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न होने से बरसात का पानी बाहर नहीं जा पाता और अंडरपास जलाशय बन जाते हैं। हाल के दिनों में हुई बरसात के पानी से अंडरपास लबालब भरा हुआ है। साथ ही इन अंडरपास में चिकनी मिट्टी का कीचड़ भी भर गया है, जिसके कारण आवागमन रुका हुआ है। स्थानीय लोगों को कई किमी घूमकर आना-जाना पड़ रहा है। साथ ही पैदल यात्री तो जान जोखिम में डालकर रेल लाइन पर से ही आवागमन करने लगे हैं। सरकार की इन अंडरपास में भरे पानी को मोटर पंप से बाहर निकालने की योजना भी ध्वस्त हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंडरपास में भरा पानी कभी भी हादसों का कारण बन सकता है।
 अधिकारी हैं कि सुनते ही नहीं 
स्थानीय लोग अंडरपास में हुए जलभराव की समस्या को लेकर बार-बार अधिकारियों से शिकायत करते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। लोगों का कहना है कि अधिकारी उनकी समस्याएं सुनने को तैयार नहीं हैं। बोर्डी अस्वली मार्ग पर बने अंडरपास में भी इन दिनों बरसात का पानी भरा हुआ है, जिससे ग्रामीणों, विद्यार्थियों, किसानों और वाहन चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह केलवे का अंडरपास भी पानी से भरा हुआ है।
ठेकेदार करते हैं खानापूर्ति 
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि करोड़ों रुपए खर्च कर रेलवे ने अंडर ग्राउंड रास्ता तो बना दिया, लेकिन पानी निकलने की समुचित व्यवस्था नहीं की, जिसके कारण बारिश होने पर इसमें पानी भर जाता है और निकलता भी नहीं है। यह समस्या प्रति वर्ष बारिश के दिनों में ही सामने आती है। विभागीय ठेकेदार भी आधा-अधूरा कार्य करके गायब हो जाते हैं, जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों के अलावा राहगीर भुगतने को विवश हैं।

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