मुख्यपृष्ठस्तंभराज ‘तंत्र’ : पिक्चर अभी बाकी है!

राज ‘तंत्र’ : पिक्चर अभी बाकी है!

अरुण कुमार गुप्ता

काफी ना-नुकर के बाद एकनाथ शिंदे ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ले ली, लेकिन अभी भी वे अंतरमन से खुश नहीं हैं। लेकिन शिंदे की खुशी या नाखुशी से बीजेपी को कोई फर्क नहीं है। अपने इतिहास के मुताबिक, उसने शिंदे को ऐसे चौराहे पर ला खड़ा किया है कि वे चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते। हालांकि महाराष्ट्र के नए सीएम बने देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की तारीफ कर उनके जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि शिंदे धैर्य से पैâसले लेने वाले नेता हैं और अक्सर सोच-समझकर ही कोई निर्णय लेते हैं। इसके अलावा उन्होंने लाडली बहन योजना शुरू करने का क्रेडिट भी एकनाथ शिंदे को दिया। फडणवीस की इस तारीफ को शिंदे को खुश करने से जोड़कर देखा जा रहा है। महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन जरूर हो गया है लेकिन अभी मंत्रालयों के बंटवारे का पेंच नहीं सुलझा है। ऐसे में फडणवीस की यह टिप्पणी अहम है कि गृह मंत्रालय हमेशा से भाजपा के पास ही रहा है। वह खुद एकनाथ शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम रहते हुए होम मिनिस्ट्री संभाल रहे थे। अब एकनाथ शिंदे का कहना है कि उसी फॉर्मूले के तहत यदि अब वह डिप्टी सीएम बन रहे हैं तो फिर होम मिनिस्ट्री उन्हें दे दी जाए। सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की जिद अभी नहीं छोड़े हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि पिक्चर अभी बाकी है।

दिन-रात वाले डीसीएम का रिकॉर्ड!
दिन-रात दोनों समय डिप्टी सीएम की शपथ लेने वाले अजीत पवार ने एक और रिकॉर्ड बनाया है वह रिकॉर्ड है छठवीं बार उप मुख्यमंत्री बनने का। अब तक किसी नेता ने ये कमाल नहीं किया है। सातवीं बार पुणे जिले के बारामती विधानसभा क्षेत्र से अपने ही भतीजे युगेंद्र पवार को हराकर विधायक बने अजीत पवार कांग्रेसनीत सरकार के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के अधीन दो बार, उद्धव ठाकरे के साथ एक बार, एकनाथ शिंदे के साथ एक बार एवं देवेंद्र फडणवीस के साथ एक बार उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अजीत पवार २०१९ में वह उद्धव ठाकरे की सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने से पहले २३ जून, २०१९ को उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन वह सरकार सिर्फ ८० घंटे ही टिक सकी थी। उसके बाद जुलाई २०२३ में जब वह शिंदे-फडणवीस की सरकार में शामिल हुए तो उन्हें पांचवीं बार उप मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला और अब छठवीं बार वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। ऐसे में लोग अब यह कह रहें हैं कि अजीत पवार किसी मौसम वैज्ञानिक से कम नहीं हैं जो हवा का रुख समझते ही पलटी मार लेते हैं।
मंत्री बनने की हसरत!
राज्य में महायुति की सरकार का गठन हो गया है। काफी उठा-पटक के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली, जबकि एकनाथ शिंदे, अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद यह उत्सुकता बनी हुई है कि कैबिनेट में किसको मौका मिलेगा? चूंकि बीजेपी के पास १३२ विधायक हैं, इसलिए कैबिनेट में उनके मंत्रियों की संख्या सबसे ज्यादा होना लाजिमी है। शिंदे सरकार में बीजेपी के सिर्फ १० मंत्री थे, जबकि पार्टी के विधायकों की संख्या १०५ थी। इसलिए कईयों को मंत्री पद की लॉटरी नहीं लगी। ये सभी विधायक अब मंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। इनकी लिस्ट काफी लंबी है। मंत्री पद के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। जब पार्टी सत्ता में आती है, तो हर कोई सरकार में शामिल होना चाहता है। ऐसे में बीजेपी कोटे से मंत्रियों की लंबी लिस्ट देख फडणवीस भी चकरा गए हैं लेकिन यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से विधायक की लॉटरी लगती है और उसकी मंत्री बनने की हसरत पूरी होती है।

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