सामना संवाददाता / मुंबई
जाने-माने लेखक व `दोपहर का सामना’ के शुरुआत से जुड़े राजेश विक्रांत को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित राज्य स्तरीय जीवन गौरव सम्मान छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से मंगलवार को बांद्रा-पश्चिम के रंग शारदा ऑडिटोरियम में सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार ने उन्हें अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. एस पी दुबे, उपाध्यक्ष मंजू लोढ़ा, आर टी आई एक्टिविस्ट अनिल गलगली, साहित्यकार डॉ. सुधाकर मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार विमल मिश्र तथा पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री की उपस्थिति में इस पुरस्कार के तहत स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र व 1 लाख रुपए की नकद राशि देकर सम्मानित किया।
बता दें कि विक्रांत जी 23 फरवरी 1993 से ही `दोपहर का सामना’ से जुड़े हैं। विविध विषयों पर देशभर की 50 से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में अब तक उनके 15,000 से भी ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं। व्यंग्य संग्रह “बतरस” के लिए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा आचार्य रामचंद्र शुक्ल व्यंग्य पुरस्कार” से सम्मानित किया जा चुका है। उनके प्रकाशित कार्यो में सत्संग सार (संपादन-2001), मुंबई में एक और समंदर (संपादन-2005), कथा पुष्पांजलि (मराठी से हिंदी में अनुवाद-2012), हास्य से पगी यादें (मराठी से हिंदी में अनुवाद-2012), मुंबई माफिया: एक एन्साइक्लोपीडिया (मराठी से हिंदी में अनुवाद-2012), श्रीमत परमहंस अद्भुत चरित (संपादन-2013), महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद गिरिजी महाराज गौरव ग्रंथ (सह-संपादन), अवधी ग्रन्थावली, खण्ड 6 शब्दकोश (संपादन मण्डल सदस्य), बतरस (2015), आमची मुंबई- 2019, अमेठी के मुंबईकर- 2019, कोरोना-डाउन-2021, आजादी की लड़ाई में मुंबई का योगदान (आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सह लेखन- 2022), स्वातंत्र्य लढ्यातील मुंबईचे योगदान (आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सह लेखन, मराठी, 2024) तथा मुंबई और हिंदी (दीनदयाल मुरारका के साथ सह लेखन, 2024) प्रमुख है। इसके साथ ही उनकी 3 अन्य पुस्तकें प्रकाशकाधीन हैं- आमची मुंबई-2, रोम- रोम में राम: मुंबई में रामलीला के भगीरथ कर्मवीर पंडित शोभनाथ मिश्र की जीवन गाथा तथा दृश्य संचार। विक्रांत जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अभय मिश्र द्वारा संपादित पुस्तक “राजेश विक्रांत: व्यक्ति एक व्यक्तित्व अनेक” का अक्टूबर 2015 में “विकलांग की पुकार” द्वारा प्रकाशन हुआ है।