दीपक तिवारी / विदिशा
श्री दादाजी मनोकामना पूर्ण सिद्ध श्री हनुमान मंदिर रंगई रेलवे पुल विदिशा में कल शनिवार को हनुमान प्राकट्योत्सव ऐतिहासिक रुप से मनाने की तैयारी है। आज रात 12 बजे से हनुमान जी का अभिषेक और भव्य श्रृंगार किया जाएगा। शनिवार सुबह 5 बजे महाआरती होगी।
पूज्य गुरुदेव महामंडलेश्वर 1008 श्री विश्वंभर दास जी रामायणी महाराज के सानिध्य में हनुमान प्राकट्योत्सव की जोरदार तैयारियां 15 दिन से की जा रही हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम की तरह दादाजी का सूर्य तिलक करने की तैयारी है। हनुमान प्राकट्योत्सव को एतिहासिक बनाने के लिए श्रीराम नाम रंगई मंदिर सेवा समिति पिछले कई दिनों से तैयारियों में जुटी है। सूर्य तिलक की भी एक सप्ताह से प्रक्टिस की जा रही है। मंदिर के गर्भगृह को ढाई हजार मोरपंखों से सुसज्जित किया गया है। कल 12 अप्रैल को जिले भर में हनुमान प्राकट्योत्सव की धूम रहेगी। सभी हनुमान मंदिरों में तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं, लेकिन रंगई स्थित श्री दादाजी मनोकामना पूर्ण सिद्ध श्री हनुमान मंदिर में नजारा कुछ अलग ही देखने को मिलेगा। मंदिर से करीब 700 मीटर दूर तक मार्ग को भगवा पताकाओं और झंडे बैनरों से सजाया जा रहा है। यहां पर सुबह पांच बजे महाआरती होने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिए जाएंगे। दोपहर में 11 बजे से रात को 11 बजे तक भंडारा चलेगा। रेलवे लाइन के नीचे वाले पुल से उज्जैन से मंगाए जा रहे फूलों की श्रद्धालुओं पर वर्षा की जाएगी। यहां पर हनुमान जी के आठ स्वरुपों की विशेष झांकी सजाई जाएगी, जिनके दर्शन करने को मिलेंगे। यहां पर करीब पांच लाख रामनाम लिखी पर्चियों की मालाओं से परिसर को सुस्सजित किया गया है।
अयोध्या में हुए श्रीराम के तिलक की तर्ज पर शनिवार की दोपहर में 12 बजे हनुमान जी का सूर्य तिलक किया जाएगा। इसकी तैयारी शहर के युवा कलाकारों ने की है। गर्भगृह से 25 फीट दूर से सूर्य की किरणें एक खास मैकेनिकल सिस्टम ओप्पो मैकेनिक पद्वति से 90 डिग्री मोढ़कर परावर्तित की जाएगी। बैकाॅक थाईलैंड से आधुनिक लैंस मंगाए गए हैं। जिनसे यह किरणे हनुमान जी के भाल पर पहुंचाई जाएगी। उनके मस्तक पर सोने का तिलक लगाया जाएगा जिसमें एक हीरा जड़ा रहेगा। जैसे ही सूर्य की किरणें हीरे पर पढ़ेगी तो पूरा गर्भगृह सूर्य के किरणों के तेज से चमक उठेगा। इसकी प्रक्टिस युवा पिछले एक सप्ताह से रोज दोपहर में 12 बजे कर रहे हैं। यह किरणें करीब पांच मिनट तक दिखाई देगी। मंदिर के बाहर सूर्य तिलक देखने के लिए चार बड़ी एलईडी लगाई जाएगी।