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रेप के आरोपी को क्लीन-अप मार्शल में किया भर्ती …खुद को पुलिसकर्मी बता छात्रा से कर रहे थे ५०,००० की उगाही

-तीन लोगों को किया गया गिरफ्तार 
-पुलिस के वेरिफिकेशन न करने पर उठे सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई  
मुंबई में तैनात किए गए क्लीन-अप मार्शलों में क्या रेप के आरोपियों की भर्ती की गई है। ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बताया जाता है कि अंधेरी में तीन क्लीन-अप मार्शलों को २१ वर्षीय छात्रा से ५०,००० रुपए की जबरन वसूली के प्रयास में गिरफ्तार किया गया है। ये लोग पुलिसकर्मी बनकर छात्रा को धोखा देने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक पर छेड़छाड़ का भी मामला दर्ज है। खास बात यह है कि भर्ती के दौरान क्या पुलिस ने आरोपी का कोई वेरिफिकेशन नहीं किया था? बता दें कि बीएमसी ने सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता और सफाई को लागू करने के लिए अप्रैल २०२४ में क्लीन-अप मार्शलों की तैनाती शुरू की थी, जिसका लक्ष्य मुंबई के २४ वॉर्डों में से प्रत्येक में ३० मार्शलों की एक टीम को बनाए रखना है। पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया था कि तीनों आरोपियों ने उसके ऑटोरिक्शा का पीछा किया और पैसे की मांग की, उस पर वाहन में ई-सिगरेट पीकर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। एमआईडीसी पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रतापराव कदम ने कहा कि तीनों बीएमसी के साथ एक एजेंसी के माध्यम से अनुबंध के आधार पर क्लीन-अप मार्शल के रूप में काम करते थे। हैरान करनेवाली बात यह है कि तीनों आरोपियों में से एक पर साल २०२२ में सांताक्रुज पुलिस स्टेशन में छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने इसी तरह के अपराध किए हैं। गौरतलब है कि क्लीन-अप मार्शल के रूप में नियुक्त होने के लिए दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और एजेंसी को पुलिस से सत्यापन प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि उम्मीदवार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं, लेकिन यहां इस नियम का उल्लंघन हुआ है। जिस आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज है, उसके बारे में कोई वेरिफिकेशन नहीं किया गया था।

 

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