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रवि राजा ने लगाया आरोप …ठेकेदार एडवांस पर कर रहे हैं मौज!

दिसंबर तक मनपा के १२ फीसदी अतिरिक्त खर्च ने बढ़ाया संदेह
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा के मौजूदा बजट के पूंजीगत प्रावधानों का ५२ फीसदी खर्च हो जाने की खबर के बाद इस खर्च को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। पूर्व विपक्षी नेता रवि राजा ने १२ फीसदी अतिरिक्त खर्च पर संदेह जताया है। दिसंबर माह तक मात्र ४० फीसदी ही खर्च से ऊपर कभी नहीं गया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस साल इतना खर्च करने पर आपत्ति जताई है। राजा ने यह भी आरोप लगाया है कि ठेकेदारों को काम शुरू करने से पहले ही फंड दे दिया जाता है।
पिछले कुछ समय से काम शुरू करने से पहले ठेकेदारों को शुरुआती रकम का भुगतान किया जाता रहा है। राजा ने सोशल मीडिया पर भी इस गलत प्रथा का आरोप लगाया है। परियोजना शुरू करने के लिए आवश्यक राशि एकत्र करना ठेकेदार की जिम्मेदारी है। हालांकि, उनका आरोप है कि मनपा प्रशासन ठेकेदार को अग्रिम राशि का भुगतान कर और मनपा की ब्याज की कमाई पर पानी फेर दिया है।
चालू वित्त वर्ष में मुंबई मनपा ने ५९ हजार ९५४ करोड़ का बजट पेश किया। इसमें पूंजीगत कार्यों के लिए ३६ हजार करोड़ का प्रावधान किया गया। दिसंबर के अंत तक ३६ हजार करोड़ के प्रावधान में से १८ हजार करोड़ खर्च हो गए। यानी प्रावधान का ५२.२३ फीसदी खर्च हो चुका है, लेकिन पूर्व विपक्षी नेता रवि राजा ने इन आंकड़ों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने पूछा है कि मनपा द्वारा खर्च की गई धनराशि का मूल्यांकन कौन करेगा। मुंबई मनपा में वर्तमान में कोई निर्वाचित नगरसेवक नहीं है। इसलिए इस लागत के बारे में कोई प्रश्न नहीं पूछा जाता है, लेकिन उनके २५ साल के करियर में दिसंबर के अंत तक लागत कभी भी ४० प्रतिशत से ऊपर नहीं गई थी। उन्होंने पूछा है कि इस साल लागत इतनी वैâसे बढ़ गई। मनपा का कार्यकाल समाप्त हो जाने के कारण मनपा फिलहाल प्रशासकों के अधीन है। इसलिए करोड़ों की परियोजनाएं बिना किसी चर्चा के स्वीकृत कर दी जाती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि मनपा का कार्यकाल समाप्त हो जाने के कारण प्रशासन के कामकाज में कोई पारदर्शिता नहीं है।

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