सामना संवाददाता / नई दिल्ली
डॉलर के मुकाबले रुपए में हो रही लगातार गिरावट के सामने आरबीआई लाचार है। इसके सामने बेबस आरबीआई गवर्नर का कहना है कि वे इसे किसी खास स्तर पर रोकने को लेकर अभी कोई सोच नहीं पाए हैं। इस बारे में अभी बाजार को ही फैसला करने दिया जाएगा। आरबीआई का यह बयान बताता है कि इस मामले में फिलहाल उसके पास कोई उपाय नहीं है। इस बात के संकेत आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शनिवार को दिए।
आरबीआई गवर्नर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ केंद्रीय बोर्ड की बैठक में हिस्सा लेने के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। मल्होत्रा ने कहा कि रुपए को लेकर आरबीआई के एप्रोच में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हम किसी स्तर या प्राइस बैंड को नहीं देख रहे। हमारी कोशिश है कि बहुत ज्यादा अस्थिरता को रोका जाए, लेकिन रुपए में रोजाना होने वाले बदलावों को भी हम नहीं देख रहे। रुपए में हो रही गिरावट के महंगाई पर होने वाले असर के बारे में जब पूछा गया तो उनका जवाब था कि पांच फीसदी की गिरावट महंगाई की दर में ३०-३५ आधार अंकों (०.३५ फीसदी तक) का असर डालता है।