सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा बागियों से परेशान है। टिकट नहीं मिलने के बाद इन बागियों ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भर दिया है। आज नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है। ऐसे में इन बागियों पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा के अंदरुनी सर्किल में इस बात की चर्चा है कि इन बागियों को इशारों-इशारों में बताया गया है कि अपना नाम वापस ले लो वर्ना…! अब इस वर्ना की लोग अपने-अपने तरीके से चर्चा कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन विद्रोहियों को अप्रत्यक्ष संदेश दिया गया है कि अगर उन्होंने नाम वापस नहीं लिया तो उनके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों को मैदान में उतारा जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार, पूरे महाराष्ट्र में इस समर भाजपा के लगभग २५ बागी मैदान में हैं। इनमें से आधा बड़े नाम हैं, जो भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाने की ताकत रखते हैं। बाकी मध्यम दर्जे के नेता हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी का है। उनका लोकसभा का टिकट काट लिया गया था और विधानसभा में भी उपेक्षा की गई थी। इनके अलावा बगावत करनेवालों में पूर्व राज्यमंत्री अंबरीश राव अत्राम, पूर्व विधायक दादाराव केचे, अमोल अंधारे, विजय राज शिंदे, ए गायकवाड आदि के नाम शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी तरह से इन बागियों पर काबू पाना है और इन्हें नामांकन वापस के लिए मजबूर करना है। गोपाल शेट्टी ने तो साफ कह दिया है कि कुछ भी हो जाए वो नाम वापस नहीं लेंगे। अब सबकी निगाहें उनकी ओर लगी हुई हैं कि वे नामांकन वापस लेते हैं या फिर भाजपा नेतृत्व के साथ आर-पार के मूड में हैं।
नामांकन नहीं होगा वापस!..बागियों ने महायुति को दी चुनौती
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, विनोद तावडे, प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे आदि महायुति के नेता बागियों को मनाने में जुटे हुए हैं।
विधानसभा चुनाव में महायुति के दिग्गज नेता सिरदर्द साबित हो रहे बागियों के कदमों में नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि बागियों को शांत करने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता उन्हें मनाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। फिर भी भाजपा और ‘घाती’ गुट के बागी प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। नामांकन वापस लेने का आज यानी सोमवार को आखिरी मौका है इसलिए बागियों के रुख की ओर महायुति नेताओं की निगाहें टिकी हैं।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी से अधिकृत उम्मीदवारी न मिलने से इच्छुकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का पैâसला करते हुए नामांकन दाखिल किया है। इससे महायुति के दिग्गज नेताओं के साथ ही प्रत्याशियों की भी नींद उड़ी हुई है। आलम यह है कि नामांकन वापस लेने के लिए बागियों की मान-मनौवल करते हुए विभिन्न महामंडलों से लेकर विधान परिषद की सदस्यता का लॉलीपाप दिखाया जा रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, विनोद तावडे, प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे आदि महायुति के नेता बागियों को मनाने में जुटे हुए हैं। इसके बाद भी बागी निर्दलीय चुनाव लड़ने की जिद ही पकड़े हुए हैं।
मुंबई में यहां हुई है बगावत
बोरीवली से भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार संजय उपाध्याय के खिलाफ पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने बगावत कर दी है। वे निर्दलीय चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। ‘घाती’ गुट ने अंधेरी (पूर्व) से जैसे ही मुरजी पटेल को उम्मीदवार बनाया, उसके बाद विवादास्पद पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा ने बगावत का मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा के बागी ब्रिजेश सिंह ने मालाड में विनोद शेलार के खिलाफ नामांकन दाखिल की है। मीरा-भायंदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मेहता के खिलाफ महायुति की गीता जैन फिर से निर्दलीय मैदान में उतरी हैं। इसके अलावा ‘घाती’ गुट के विजय नाहटा और कुणाल सरमलकर ने क्रमश: बेलापुर, बांद्रा ईस्ट में बगावत कर दी है।