सामना संवाददाता / मुंबई
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि हम संविधान को नहीं बदलेंगे, लेकिन उनके सहयोगी सांसद कह रहे हैं कि ४०० सांसद चुनकर दें, ताकि मोदी को संविधान बदलने की ताकत मिल सके। इस तरह का हमला बोलते हुए राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि हमें संविधान बदलने की इस चाल को पहचानना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आह्वान किया कि तानाशाही की ओर निकली जालसाजी प्रवृत्ति वाली भाजपा को मतदान के माध्यम से रास्ते में पड़े पत्थर की तरह उठाकर फेंक दीजिए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार शिराल के हातकणंगले निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी सत्यजीत पाटील सरुडकर के प्रचारार्थ की सभा में बोल रहे थे। इस दौरान मंच पर प्रत्याशी पाटील समेत प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील, शिराल के विधायक मानसिंहराव नाईक, पूर्व मंत्री शिवाजीराव नाईक आदि उपस्थित थे। शरद पवार ने कहा कि मोदी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा पूरी कर चुके १०० में से ८७ युवा आज रोजगार की तलाश में हैं और नौकरी न मिलने से उनमें काफी बेचैनी है। उन्होंने कहा कि हम सभी को उन लोगों से सवाल करने का अधिकार है जो अपने वादे पूरे नहीं करते।
यह है तानाशाही रवैया
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार से सवाल पूछते हैं, उनका विरोध करते हैं, तो एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास करना चाहिए। हालांकि, मुद्दों को हल करने की बजाय अगर दिल्ली और झारखंड के मुख्यमंत्रियों ने कोई मुद्दा उठाया तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। यह तानाशाही रवैया है।
विफल हो गया है शासकों का हिंदुत्व एजेंडा
उन्होंने सवाल उठाया है कि मतदान के आंकड़े घोषित करने में इतनी देरी क्यों हुई? ऐसी गलतियों के कारण ही वोटिंग मशीन को लेकर संदेह का माहौल है और चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़े संदिग्ध हैं।