मुख्यपृष्ठनए समाचाररिस रहे हैं रिश्ते! ...हिंदुस्थान में बढ़े तलाक के मामले

रिस रहे हैं रिश्ते! …हिंदुस्थान में बढ़े तलाक के मामले

बंगलुरु के एआई सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस के बाद से पूरे देश में हलचल है। सुभाष ने यह खौफनाक कदम उठाने से पहले कहा कि उनकी बीवी ने उनके खिलाफ ९ फर्जी मामले दर्ज करवाए, जिससे वो तंग आ चुके थे। इन्हीं में एक मामला तलाक का भी शामिल है। ऐसे में तलाक को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं कि आखिर क्यों कपल तलाक ले लेते हैं। हिंदुस्थान की बात करें तो पिछले कई वर्षों में तलाक के मामले बढ़े हैं।
भारत में सबसे ज्यादा तलाक के मामले महाराष्ट्र में होते हैं। यहां तलाक की दर १८.७ प्रतिशत है, जो देश में सबसे ज्यादा है। तलाक की दर के मामले में महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां तलाक की दर ११.७ प्रतिशत है। तलाक के मामले में तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है, जहां तलाक की दर ८.२ प्रतिशत है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि आज के मॉर्डन युग में रिश्ते `रिस’ रहे हैं। सात जन्मों के रिश्ते कुछ वर्षों में ही खत्म हो रहे हैं।

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की अर्जी
आज महिलाएं तलाक को लेकर हिचकिचाती नहीं हैं और जैसे ही उन्हें लगता है कि रिश्ते में ज्यादा कुछ नहीं बचा है तो वो फैसला ले लेती हैं। पहले जहां वित्तीय सुरक्षा और बच्चों को पालने की चिंता महिलाओं को होती थी, वहीं अब वो खुद इसके लिए सक्षम हैं। ऐसे में फैसला लेने से पहले उन्हें ज्यादा नहीं सोचना पड़ता है। यही वजह है कि पुरुषों की तुलना में तलाक की अर्जी लगाने में महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है।

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