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डंपिंग हटाओ … भिवंडी बचाओ आंदोलन…बीस गांवों के लोग सड़क पर उतरे

ठाणे का कचरा हमारे द्वार पर क्यों, ग्रामीणों का सवाल
सामना संवाददाता / मुंबई
डंपिंग हटाओ, भिवंडी बचाओ, खबरदार अगर ठाणे वालों ने अपना कूड़ा हमारे दरवाजे पर फेंका, कूड़ा डालना बंद करो, बंद करो, इस तरह के नारे लगाते हुए भिवंडी के पंचक्रोशी के २० गांवों के ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। इस दौरान यह चेतावनी भी दी गई कि यदि हम पर डंपिंग थोपी गई तो हम कड़ा विरोध करेंगे। इसलिए, ठाणे के बाद अब भिवंडी के अटकोशी में भी कचरे को लेकर जंग छिड़ गई है, जिससे ठाणे मनपा असमंजस में है और सवाल यह है कि कचरे का निपटान कहां किया जाए।
ठाणे मनपा सीमा के भीतर हर दिन लगभग एक हजार टन से अधिक कचरा उत्पन्न होता है। इस सारे कचरे को डंपर के माध्यम से अटकोशी प्रक्षेपण स्थल स्थित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र तक ले जाया जाता है। पूरे ठाणे शहर का कचरा भिवंडी के अटकोशी गांव की सीमा के भीतर एक डंपिंग ग्राउंड में फेंका जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। ग्रामीण इस डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। स्थानीय लोगों के विरोध के कारण ठाणे मनपा प्रशासन की परेशानी और बढ़ने वाली है। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार अभिजीत को तत्काल डंपिंग रोकने के लिए ज्ञापन सौंपा है। इस आंदोलन में सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ ​​बाल्या मामा, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) उपनेता ज्योति ठाकरे, उपनेता विश्वास थले, संपर्क प्रमुख साईनाथ तरे, जिला प्रमुख कुंदन पाटील, विष्णु चंदे, जिजाऊ सामाजिक संगठन अध्यक्ष मोनिका पनवे, पंडित पाटील, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश पाटील, कांग्रेस जिला अध्यक्ष दयानंद चोरगे समेत बड़ी संख्या में पंचक्रोशी के सरपंच और महिलाएं शामिल हुईं।

प्रशासन की अपशिष्ट समस्या
सरकार ने ठाणे शहर में कचरा डंप करने के लिए भिवंडी तालुका के पड़घा के पास अटकोशी में ८६ एकड़ जमीन ठाणे मनपा को दी है। राज्य सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास, सुरक्षात्मक दीवार, सुरक्षा कक्ष, पहुंच मार्ग, २२ एकड़ भूमि का समतलीकरण, बांस के जंगल आदि के लिए ५० करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। हालांकि, प्रशासन को कचरा संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि भिवंडी में भी कचरा डंप करने का विरोध शुरू हो गया है।

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