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`तिलक मिटाओ, तुलसी की माला छिपाओ’! …इस्कॉन के अनुयायी ने दी सलाह … जीने के लिए पहचान मिटाने को मजबूर हिंदू

बांग्लादेश में हिंदुओं को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। घरों से निकालकर उस पर कब्जा किया जा रहा है। दुकानें लूटी और जलाई जा रही हैं। कट्टरपंथियों के दबाव में हिंदुओं को सरकारी व निजी कंपनियों की नौकरी से निकाला जा रहा है। इतना ही नहीं, पोल खुलने व देश को बदनामी से बचाने के लिए वहां की सरकार हिंदुओं को भारत या किसी और देश जाने की अनुमति भी नहीं दे रही है। वहां के हालात इतने खराब हैं कि अनुमति मिल जाए तो बांग्लादेश का हर हिंदू भारत आ जाए। बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति बर्बरता इतनी बढ़ गई है कि अब इस्कॉन के अनुयायियों को भगवा वस्त्र छोड़ने, माथे से तिलक मिटाने और गले से तुलसी की माला छिपाने की सलाह दी जा रही है। बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में हिंदू नेता और इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से इस्कॉन अनुयायियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इन अनुयायियों को भगवा वस्त्र और माथे पर तिलक से आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे में कोलकाता के इस्कॉन ने अपने अनुयायियों को सुरक्षा कारणों से भगवा कपड़े पहनने और माथे पर तिलक बनवाने से बचने की सलाह दी है।

 इंडियन टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध की मांग
बांग्लादेश के हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिसमें बांग्लादेशी संस्कृति और समाज पर भारतीय मीडिया के प्रभाव पर बढ़ती चिंताओं का हवाला देते हुए देश में भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क ऑपरेशन अधिनियम २००६ के तहत एक निर्देश की मांग कर रहे हैं।
 जमानत याचिका पर सुनवाई एक माह के लिए टली
बांग्लादेश की एक अदालत ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी है। दरअसल, मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई के लिए कोई वकील अदालत में पेश नहीं हुआ।
 नरसंहार के जिम्मेदार हैं मोहम्मद यूनुस
`बांग्लादेश में मंदिरों, गिरजाघरों पर हो रहे हमलों के जिम्मेदार अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस हैं। मोहम्मद यूनुस पूरे डिजाइन के साथ ऐसा कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों की हत्याएं हो रही हैं और यूनुस इसके मास्टरमाइंड हैं।’

त्रिपुरा में बांग्लादेशियों का बायकॉट
अस्पताल के बाद अब होटल-रेस्तरां में भी नहीं मिलेगी एंट्री
पिछले कई दिनों में हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाने के मामले सामने आए हैं। बांग्लादेश में भारतीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आने के बाद पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में बांग्लादेशियों का बायकॉट शुरू हो गया है। त्रिपुरा के अस्पतालों में बांग्लादेशी नागरिकों का इलाज करने से इनकार कर दिया गया। अब इस आंदोलन में होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन भी जुड़ गया है। एसोसिएशन ने एलान किया है कि बांग्लादेश के लोगों को न तो होटल में कमरा दिया जाएगा और न ही उन्हें खाना परोसा जाएगा। होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने पैâसला लिया है कि बांग्लादेश में भारतीय ध्वज का अपमान हुआ है। ऐसे में बांग्लादेश के मेहमानों को खाना नहीं परोसा जाएगा। एसोसिएशन का कहना है कि बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है। ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
चिन्मय दास के
वकील पर जानलेवा हमला
बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के केस की पैरवी करने वाले वकील पर हमला हुआ है। यह दावा कोलकाता में इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने किया है। रमन रॉय की हालत गंभीर है और वे आईसीयू में भर्ती हैं। कट्टरपंथियों ने उनके घर में भी तोड़फोड़ की है। राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में रमन रॉय की तस्वीर के साथ कहा, ‘चिन्मय दास के वकील रमन रॉय पर जानलेवा हमला हुआ है।

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