सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना विधायक मिलिंद नार्वेकर ने मांग की कि सरकार को बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलकर मुंबई हाई कोर्ट करने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजकर कार्रवाई करनी चाहिए।
पिछले १९ वर्षों से ‘बॉम्बे हाई कोर्ट’ का नाम बदलकर ‘मुंबई हाई कोर्ट’ करने का राज्य सरकार का प्रस्ताव केंद्र के पास लंबित है। इसका नाम बदलकर ‘मुंबई उच्च न्यायालय’ करने के लिए ‘लेटर्स पेटेंट ऑफ हाई कोर्ट’ अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता है। संविधान के प्रावधानों के अनुसार, यह शक्ति संसद की है। तत्कालीन राज्य सरकार ने १७ जनवरी २००५ को केंद्र सरकार को पत्र भेजा था कि इसका नाम बदल कर ‘मुंबई हाई कोर्ट’ करने पर कोई आपत्ति नहीं है। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने २७ अगस्त २०१२ को मुंबई, मद्रास और कलकत्ता का नाम बदलने को मंजूरी दे दी। विधायक नार्वेकर ने आगे कहा कि इस संबंध में तीनों अदालतों का नाम बदलने के लिए १९ जून २०१६ को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया था। कुछ राज्यों ने केंद्र के सामने अपनी बात रखी है, लेकिन अभी भी बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलकर ‘मुंबई हाई कोर्ट’ नहीं किया गया है।