मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिकेएनआईटी में जुटे इंजीनियरिंग के नामीगिरामी विशेषज्ञ ...शुरू हुई अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस

केएनआईटी में जुटे इंजीनियरिंग के नामीगिरामी विशेषज्ञ …शुरू हुई अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस

विक्रम सिंह/सुल्तानपुर

यूपीटीयू से संबद्ध कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हो गया। ‘इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य’ पर व्यापक विमर्श प्रारंभ हो गया है। सम्मेलन का उद्घाटन संस्थान निदेशक डा.राजीव कुमार उपाध्याय, सत्यब्रत जीत, रमाशंकर, प्रो. हर्ष विक्रम सिंह, प्रो. एसपी गंगवार ने किया | प्रो. सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा को विस्तार से बताया। कांफ्रेंस में प्रस्तुत किए जाने वाले शोध पत्रों एवं उनके सामान्य जीवन में पड़ने वाले प्रभावों को भी बताया।

इस सम्मेलन के मुख्य वक्ता प्रो. सत्यब्रत जीत, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रख्यात प्रोफेसर हैं। प्रोफेसर जीत ने नैनो सामग्री और उनके सेंसर अनुप्रयोगों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कैसे मैटेरियल नैनो स्केल पर आने पर अपनी प्रॉपर्टी बदल देते हैं। इसका उपयोग कर हम विभिन्न सेंसर को डिजाइन कर सकते हैं। सोलर सेल, टेंपरेचर सेंसर आदि की गुणवत्ता बढ़ा कर आई ओ टी के साथ उपयोग किया जा रहा है। बीएसएनएल,सुल्तानपुर के जनरल मैनेजर रमाशंकर के द्वारा फाइव जी और फोर जी उन्नति के विषय में अपने विचार व्यक्त किए। एचएएल से आए अनुभव गर्ग ने फ्लाइट डेटा रिकॉर्ड्स (एयरक्राफ्ट ब्लैक बॉक्स) के बारे में बताया|

इस कार्यक्रम के दौरान ग्रीन टेक्नोलॉजी पर्यावरणीय स्थिरता का प्रेरक शक्ति,
सिविल इंजीनियरिंग, संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी के मॉडल , थ्रीडी साउंड लोकलाइजेशन तकनीक में उन्नति, स्वचालित संकेत और फोटो पहचान प्रणाली, डीप लर्निंग और हाइब्रिड मॉडलिंग, भूकंप की सटीक भविष्यवाणी के लिए एक उन्नत मॉडल सहित आदि विषयों पर व्याख्यान दिए गए। इस सम्मेलन में संयोजक प्रो. सिंह और प्रो. एसपी गंगवार व कालेज के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष के साथ प्रो सौरभमणि त्रिपाठी, प्रो. राकेश कुमार सिंह , अखिलेश कुमार सिंह , प्रो कपिल सक्सेना, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. सुजीत कुमार अग्रवाल, प्रो. अभय अग्रवाल, प्रो. अवधेश कुमार आदि ने विस्तार से चर्चा की। छात्रों और शिक्षकों ने विभिन्न सत्रों में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह कार्यक्रम शैक्षणिक उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देने का प्रतीक बन गया है। प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों ने विशेषज्ञों के साथ संवाद कर अपनी जिज्ञासाओं को दूर किया।

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